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________________ विषय-सूची पृष्ठ ५६ ५६-६६ ६६-७७ ७७-८३ ७७-८० ८०-८३ له له ८३-८७ ८३ ८३-८६ ८६-८७ ८८-९१ ८८ ८८-६० ६०-६१ विषय मङ्गलाचरण स्थितिबन्धके भेद मूलप्रकृतिस्थितिबन्ध १-२१८ मूलप्रकृति स्थितिबन्धके चार अनुयोगद्वार १-१६ स्थितिबन्धस्थानप्ररूपणा २-५ स्थितिबन्ध स्थान संक्लेश विशुद्धिस्थान स्थितिबन्ध अल्पबहुत्व ४-५ २ निषेक प्ररूपणा ६-११ निषेकप्ररूपणाके दो अनुयोगद्वार अनन्तरोपनिधा ६-११ परम्परोपनिधा ११-१२ आबाधाकाण्डकप्ररूपणा १२-१३ ४ अल्पबहुत्वप्ररूपणा - १३-१६ मूलप्रकृति स्थितिबन्धके २४ आदि शेष अनुयोगद्वारोंकी सूचना २४ अनुयोगद्वार १६-१४४ अद्धाच्छेदप्ररूपणा १७-२९ अद्धाच्छेदके भेद १७ उत्कृष्ट अद्धाच्छेद १७-२३ २३-२६ २-३ सर्वानोसर्वबन्धप्र० ४-५ उत्कृष्ट-अनुत्कृष्टबन्धप्र० ३०-३१ ६-७ जघन्य-अजघन्यबन्धप्र० ३१ ८-११ सादि-अनादि-ध्रुव-अध्रुव० ३१-३२ १२ स्वामित्वप्ररूपणा ३२-४६ स्वामित्वके दो भेद ૨૨ उत्कृष्ट स्वामित्व ३२-४० जघन्य स्वामित्व ४०-४६ १३ बन्धकालप्ररूपणा ४७-५८ बन्धकालके दो भेद उत्कृष्ट बन्धकाल ४७-५३ जघन्य बन्धकाल ५३-५८ १४ अन्तरप्ररूपणा ५६-७७ विषय बन्धान्तरके दो भेद उत्कृष्ट बन्धान्तर जघन्य बन्धान्तर १५ बन्धसन्निकर्ष बन्धसन्निकर्षके दो भेद उत्कृष्ट सन्निकर्ष जघन्य सन्निकर्ष १६ नाना जीवोंकी अपेक्षा भङ्गविचय भङ्ग विचयके दो भेद उत्कृष्ट भङ्गविचय जघन्य भङ्गविचय १७ भागाभागप्ररूपणा भागाभागके दो भेद उत्कृष्ट भागाभाग जघन्य भागाभाग १८ परिमाणप्ररूपणा परिमाणके दो भेद उत्कृष्ट परिमाण जघन्य परिमाण १६ क्षेत्रप्ररूपणा क्षेत्रके दो भेद उत्कृष्ट क्षेत्र जघन्य क्षेत्र १० स्पर्शनप्ररूपणा स्पर्शनके दो भेद उत्कृष्ठ स्पर्शन जघन्य स्पर्शन कालप्ररूपणा कालके दो भेद उत्कृष्ट काल जघन्य काल २२ अन्तर प्ररूपणा अन्तरके दो भेद उत्कृष्ट अन्तर जघन्य अन्तर ६१ ६१-६३ ६३-६५ ९६-१०१ जघन्य " ६६-६६ १६-१०१ १०१-११० १०१-१०८ १०८-११० ११०-११८ ११०-११५ ११५-११८ १९८-१२५ ११८ ११८-१२२ १२२-१२५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001389
Book TitleMahabandho Part 2
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1998
Total Pages494
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size12 MB
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