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महाबन्ध
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ओघ से काययोगियों में बन्धकों का क्षेत्र-स्पर्शन
२४२ वेदों में बन्धकों का क्षेत्र-स्पर्शन २४७ मत्यज्ञानी, श्रुताज्ञानी में बन्धकों का
क्षेत्र-स्पर्शन आभिनिबोधिक-श्रुत-अवधिज्ञानियों में __बन्धकों का क्षेत्र-स्पर्शन २५७ संयतासंयत जीवों में बन्धकों का क्षेत्र-स्पर्शन
२६० छहों लेश्याओं में बन्धकों का
क्षेत्र-स्पर्शन सम्यक्त्वों में बन्धकों का क्षेत्र-स्पर्शन २६८ आहारक-अनाहारकों में बन्धकों का क्षेत्र-स्पर्शन
२७२ १७. कालानुगम-प्ररूपणा नाना जीवों की अपेक्षा ओघ से वर्णन
२७३ आदेश से नारकियों में बन्धकाल २७४ तिर्यंचों में बन्धकाल
२७५ मनुष्यों में बन्धकाल
२७६ योगों, काययोगों तथा वेदों में बन्धकाल
२७८ मति-श्रुत-अवधिज्ञान, परिहारविशुद्धिसंयम तथा संयतासंयतों में बन्धकाल
२८३ लेश्याओं तथा सम्यक्त्वों में बन्धकाल २८४ १८. अन्तरानुगम-प्ररूपणा ओघ से अन्तर-निरूपण
२८७ आदेश से नारकियों तथा तिर्यंचों __ में अन्तर
२८८ मनुष्यों तथा देवों में अन्तर
२८६ योगों में अन्तर
२६० वेदों में अन्तर
२६२ आभिनिबोधिक श्रुत, अवधि,
मनःपर्यय में अन्तर लेश्याओं में अन्तर
२६४ सम्यग्दृष्टियों में अन्तर १६. भावानुगम-प्ररूपणा
भावानुगम का निर्देश ओघ से बन्धकों के भावों का निरूपण
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आदेश से नारकियों में बन्धकों
के भाव तिर्यंचों में बन्धकों के भाव एकेन्द्रियों में बन्धकों के भाव देवों में बन्धकों के भाव काययोगों में बन्धकों के भाव वेदों के बन्धकों के भाव अपगतवेद में बन्धकों के भाव सामायिक, छेदोपस्थापना संयम में
बन्धकों के भाव तेजोलेश्या में बन्धकों के भाव तिर्यंच-मनुष्य-देवायु के
बन्धकों के भाव उपशमादि सम्यक्त्व में
बन्धकों के भाव
अनाहारकों में बन्धकों के भाव २०.स्वस्थानजीव-अल्पबहुत्व-प्ररूपणा
अल्पबहुत्व के भेद ओघ से अल्पबहत्व का निर्देश आदेश से नारकियों में
अल्पबहुत्व का कथन तिर्यंचों में अल्पबहुत्व चारों गतियों की आयु के - बन्धक जीव देवगति के बन्धक जीव
औदारिक शरीर के बन्धक जीव पंचेन्द्रिय तिर्यंच लब्ध्यपर्याप्तकों में
जीव मनुष्यगति के बन्धक जीव दर्शनावरण, साता-असाता, लोभ,
संज्वलन तथा नोकषाय के
अबन्धक जीव चारों गतियों के अबन्धक जीव आहारक शरीर के बन्धक जीव नामकर्म सम्बन्धी चारों गतियों के
अबन्धक जीव काययोगियों में बन्धक जीव वेदों में बन्धक जीव कषाय-अकषायों में बन्धक जीव ।
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