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राजा
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ब. व्यंजनांत शब्द सामान्यतः शब्द के अंतिम व्यंजन के लोप अथवा उसमें होने वाले स्वरागम के कारण व्यंजनान्त शब्द स्वरान्त बन जाते हैं और उनके रूप स्वरान्त शब्दों की तरह ही बनते हैं, फिर भी अवशिष्ट के रूप में कुछ विशेष रूप इस प्रकार मिलते हैं :
'अन्', (मन्, वन्)-अंत वाले शब्द प्राकृत (i) (राजन्)
पालि ए.व. ब.व.
ए.व.
ब.व. राया रायाणो, राइणो
राजा, राजानो रायाणं, राइणं, रायं
राजानं (राज)
राजानो रण्णा, स्ना राईहिं
रजा, राजिना राजूहि, (राजूभि, रज्जेहि)
रञो, (राजिनो, रञस्स) रञ्ज, राजूनं । ___राइणो, रन्नो, रणो राईहितो
रज्ञा
राजूहि, राजूभि रायाणं, राईणं
रो(रञस्स, राजिनो) रञ्ज, राजूनं स. राइम्मि राईसु
राजिनि, (रजे) राजूसु सं. राया रायाणो, राइणो, राजा
राजा, राजानो
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प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण
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