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(vi) 'ऋ'कारान्त शब्द 'ऋ'कारान्त शब्द (सम्बन्धवाची एवं कर्तृवाची) 'इ', 'उ', 'अर' अथवा 'आर' अन्तवाले बना दिये जाते हैं। प्रथमा एवं द्वितीया विभक्ति के सिवाय प्रायः उनके रूप स्वरान्त शब्दों की तरह ही बनते हैं । अवशिष्ट के रूप में कुछ रूप इस प्रकार भी मिलते हैं : प्राकृत (पितृ)
पालि ए.व. ब.व.
ए.व. प्र. पिया पियरो
पितरो, (पितुनो) द्वि. पियरं पियरो, पियरे
पितरं
पितरो, पितरे तृ.पं. -
पितरा ष. -
पितु, (पितुनो)
ब.व.
पिता
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पितरि
(ii) (मातृ)
मायरो
मातरो
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माता मातरं
प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण
मायरो
मातरे, मातरो
मातरा
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मातु मातरि