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ध्वनि-परिवर्तन
ऊ : विहूण (विहीन)
ए:
उ-अ :
आ :
इ :
ऊ-अ :
ए:
ओ :
३.
पेऊस (पीयूष), केरिस (कीदृश), नेड (नीड)
गरु (गुरु), मउड (मुकुट)
बाहा (बाहु)
पुरिस (पुरुष)
दुअल (दुकूल)
नेउर (नूपुर)
तोणीर ( तूणीर), मोल्ल (मूल्य) ए-इ : दिअर (देवर), विअणा (वेदना), (सेंधव सैन्धव), धीर (धेर< धैर्य)
ओ-अ :
मणहर ( मनोहर), सररुह (सरोरुह), अन्नन्न (अन्योन्य ) गारव (गोरव गौरव)
आ :
उ :
मुअण (मोचन), दुवारिअ (दोवारिअ<दौवारिक) ऊ : महूसव (महोत्सव)
(स) कभी कभी स्वर का स्थान परिवर्तन भी पाया जाता है :
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सिंधव
मुणिस (मनुष्य)
(अ) संयुक्त व्यंजन के पूर्व का दीर्घ स्वर प्रायः ह्रस्व बन जाता है :
मग्ग ( मार्ग ), पुण्ण (पूर्ण), रज्ज ( राज्य ), पंडव ( पाण्डव), सक्क ( शाक्य ), वत्ता (वार्ता )
(ब) अनुस्वार - युक्त दीर्घ स्वर भी ह्रस्व बन जाता है : पंसु (पांशु ), मंस (मांस), सीयं ( सीयां सीताम् ) (स) संयुक्त व्यंजन में से एक व्यंजन का लोप होने पर पूर्व
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