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अव्यय, परसर्ग एवं देश्य शब्द
संस्कृत
प्राकृत
एवम्
एवमेव
कथञ्चित्
कथम्
कथमपि
कदा
कदाचित्
कद्वा
कल्य
कस्मात्
कामम्
किंनु
किन्तु
किन्नु
किम्
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च्चेअ, च्चेव, च्चिअ,
ज्जेव, ज्जेव्व, जेव्व
एवं
एमेअ, एमेव कहंची, कहंचि कहं, कह, किण्णा
कहंपि, कहंवि
कया, कइआ
कयाइ, कयाईं, कयाई,
कइयाइ
कल्ल, कल्लं
कीस
कामं
किण्णु
किंतु किंणा, किण्णा किं, इं, किण
अपभ्रंश
एम्व, एम्वहिं, एम, एमइ, एम, इम, एवँ, एउँ, एउं,
इउँ, एवहिं, एवि
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१०३.
एम्वइ, एवँइ, एमेव केमइ, किवइ
केम, कॅम, किम, किमि,
केवँ, केव, किंव, किँव,
किव, किउं, काहउ, किह, किध
कहवि, कहामि, कहव,
केमइ, केमई, किवइ
कइयहा, कईया, कइयहँ,
कइयह
कब्बे
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