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प्रवचन ७
संकेतिका
१. अपने प्रति जगाने के लिए, अपने आपको जानने के लिए ध्यान। २. स्व या अन्तर्जगत् का मूल्य-सार का मूल्य ।
• पर या परिस्थिति का मूल्य-छिलके का मूल्य । ३. स्व की सीमा-अनुभव।
• पर की सीमा—विकल्प । ४. स्व के मूल्यांकन से
• सामंजस्य
• सन्तुलन-बहुत बढ़ा-चढ़ाकर नहीं, बहुत घटाकर नहीं। ५. केवल 'पर' के मूल्यांकन से पनपता है-आग्रह, परस्पर दोषारोपण ।
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