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विशेषनाम्नां विभागशोऽनुक्रमः ।
२३३
(३०) प्रदेश
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सुवनभूमि
रयणमाला रयणावली रिद्धी लक्खणा लच्छी वणमाला वसंतदेवी विजयंती विद्धी विलासवई
वियारधवल विमाल वीरसेण बीरंग वीरुत्तर सत्तुंजय समरसीह सयवल संख सिरिकित्ति सिरिकेट सिरिबल सिरिवाहण सिरिसेहर सीहसेण सुभीम सुमंगल सुय
सई सयंपमा ससिलेहा सिरिदेवी सिरिप्पहा सुकोसा सुलक्खणा सुवप्पा सूरमई सूरलेहा
रोग
पुरिसचंद पुरिसोत्तम पुरिसोत्तिम पुहइचंद महसेण महाकित्ति महाबल महिंदसीह माणतुंग मेह रइचंद रयणचूड रयणसार रयणसिह रविचंद रविते रविमेण रायसेहर ललियंग वसंत वसुतेय विजयदेव विजयराया विजयसत्तु विदुर विमलकित्ति
(३८) वण्ठः विल (३९) विद्याधर-विद्याधरराज-तत्कुमारा:
सुरव
किन्नर
सुरसुंदर
सुसेण
चंदगइ
(३१) बौद्धाचार्यः धम्मकित्ति
धर्मकीर्ति (३२) ब्राह्मण-पुरोहित-तत्पुत्राः आरोग
पुनसम्म कविल कविजल
विट्ठ कूडबडु
वेयरुइ केसब
- वेयसम्म चारायण
सुघोस देवगुत्त
सुमुह (३३) ब्राह्मण-पुरोहितपल्यः कविला
ललिया नंदा
(३४) योध-भटौ चंडसीह
निकरुण
(३५) राजमित्रे चउरमई
मइसार (३६) राज-युवराज-राजपुत्राः अरिमहण
जयसेण
देवपसाअ अवराइय कणयकेउ
देवरह
देवसोह कणयज्झय
देवसेण कमलसेण
नरकेसरि कित्तिचंद
नरसोह कुसुमकेउ
नरसेहर कुसुमाउह
निहिकुंडल कुंजर
पउम गिरिसुंदर
पउमरह
पउमाणण चंदज्झय
पउमुत्तर चदराय
पियंकर चंदसेण
पुन्नकलस जय
पुन्न केट जयतुंग
पुन्नचंद जयसुंदर
पुरंदर
सुंदर
सूरण सूरवेग
सूरगय सूरतेय हरिसीह हरिसेण
अणंगवेग
रविकिरण कणयकेउ
ससिवेग
सिरिद्ध गंधव
सुमेह
सुरवेग जयवेग
सुवेग जयंत तारवेग घर
हरिवेग (४०) विद्याधरराज्ञी-कुमार्यः कणयमाला
मुत्तावली कणयवई
रयणबई कणयावली
रयणावली चंदकता
रविकता चंदप्पभा
रेवई (४१) विद्या-मन्त्राः अवराइया
महावेयाल अवसोयणी
महावेयालिणी चंडाली
स्वपरावत्तिणी पड विजा
वेउब्दियविजा महाजालिणी
(३७) राश्यो राजकुमार्यश्च उम्मायंती
जयादेवी कणगवई
पउमादेवी कणयमंजरी
पउमावई कणयसुंदरी
पियमई कमला
पियगुमंजरी कलावई
पुष्फमाला कुमुइणी
पुप्फवई कुसुमावली
पुष्फसुंदरी गुणमाला
पुरंदरजसा गुणवई
मणोरमा गुणसेणा
महापभा। चंदमई
मुत्तावली चंदाभा
रइसुंदरी
चंद
(४२) विमाने
रइसुंदर
पउम
पु० ३०
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