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________________ APPENDIX I Index of Sutras. [N. B. The figures aganist the Sutras refer to the păda and number of the Sutra. ] अ. अइर्दैवे 9. 13. पौराद्येषु 1. 49. भउत् कौरवपौरवे 9. 15. अः क्ष्माश्लाघ्योः 3. 92. अः स्सिंस्सयोर्न वा 5. 71. अकास्यकासमौ स्याताम् 6. 16. अक्ष्णोऽच्छीणि च क्वचित् 5. 33. अङ्कोटे लः 2. 22. अङादेशा बहुलम् 7. 102. अचि वा 4. 22. अत भन्निहीनसंबुद्धौ 10. 8. अत उत्तरस्य लोपः 6. 33. अत एवं तुमादिषु 9. 107. अत एव माणः स्यात् 6. 19. अतः प्राकृतवद्रूपम् 17. 28. अतः षोडशधामिन- 1. 9. अतः सावेदितौ च 15. 3. अतः सोरोत् 20.10. अतोऽन्ते तु वा प्रथमे 6. 9. अतोऽस्त्रियां डा बहुलम् 17. 5. अत् पथिपृथिवीहरिद्रासु 1. 16. अववत्वे प्रकोष्ठ के 9. 12. अथ ठस्य ढः 2. 24. अथ युष्मदस्तुमं स्वम्भ्याम् 9. 81. अथ विभाषिताः 9. 46. अदन्तवच्छेषः 5. 122. Jain Education International अदन्तस्योभयं पदम् 6. 2. अदसो मुः 5.79. अदातो यथादिषु 1. 10. अद्भुते तु हीमाणहे 10. 11. अयुधिष्ठिरोपर्यो: 9 10. अद्वा दुकूले लश्च द्विः 1. 25. अद्वित्व इत् 5 48. अधुनेत्यादिष्वर्थेषु 20. 12. अधूर्तादिषु र्तस्य टः स्यात् 3. 27. अधो मनयः 3. 2. अनयोर्यत्र सांकर्य • 17. 12. अनयोः पुनर्म्यसामोः 17.55. अनादावयुजां कखतथां ० 17.2. अनित्यद्वित्वं च राजवत् सर्वम् 5.54. अनीयङादेर्यो जो वा 2. 16. अन्तो सन्तो च मध्यार्थे 8. 9. अन्त्यस्य हलो नित्यम् 4. 13. अमुकुतुल्ये 1.26. अन्यत्र तु चदुः 5. 120. अन्येषामत्र शिष्टानुसारतः 4.30. अपतौ घरो गृहस्य 4. 61. अपताकाव्यापृतगर्भितेषु बहुलं तकारो दः 9. 20. अपदादावयुजाम् 9. 18. अपूर्वेऽवरूवं वा 9. 23. अपेन अल्लः स्याद् वृतेः 7. 119. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001369
Book TitlePrakritsarvaswam
Original Sutra AuthorMarkandey
AuthorKrushnachandra Acharya
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages424
LanguagePrakrit, Sanskrut, English
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size20 MB
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