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सिरिचंदविरइयउ घत्ता—ठाइज्जउ मज्जणहरे रायरोसरहिउ ।
ण्हाएप्पिणु पुज्जेज्जउ देउ देवमहिउ ।।९॥
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तहो वयणाणंतरे जयमईप भासिउ भज्जा सयंपहाण सोमसिरिश नंदन सिरिमई पियमइए पियंगुसिरिश पियार सिरिकतम अवरु ससिप्पहाण सरसइए अणंतमइ सई बंधुसिरिए धन्न धणमई उह लहु वट्टइ वड्डु वार .. ण्हाएप्पिणु पुज्जह देवदेउ । को एहु एउ जाणिउ न जाम
तह सुव्वयाए सुंदरमई। सिरिदत्त मित्त सुप्पहाए । बंधुमइ सुमइ सुहमईए। विमलमइए विमल तडिलया । अवराइयाण विजयण जयाए । गुणमइयण गुणमाला रईए। तरलच्छिण लच्छिश जयसिरी । सिद्धी रसोइ नाणापयार । वज्जह वासंगु म करह खेउ । तेणुत्तु न भोयणु करमि ताम। १०
घत्ता-ता तहो गाहु निएप्पिणु गुज्झ न रक्खियउ । . एहु जणेरु तुहारउ धाइप अक्खियउ ।।१०।।
नामें सिद्धत्थु सिसुत्तकाले
बंधेवि पट्ट तुह तणय भाले । निम्विन्नचित्तु निग्गंथु जाउ
रिसि तउ करंतु अज्जेत्थु आउ । मासोववाससोसियसरीरु. .
.. सायरगंभीरु गिरिंदधीरु । इह पुत्त वीरु भिक्खण पइठ्ठ
भामरे भमेवि पइँ जंतु दिछ । आयनेवि एउ सुकोसलेण
जंपिउ सुहिसज्जणवच्छलेण । फुडु मइँ वि समुज्झियरइरसेण । भुंजेवउ होवि तारिसेण । इय भणेवि धरिज्जंतु वि घराउ... निग्गउ सहसत्ति मणोहराउ । पुच्छंतु संतु उज्जाणभवणु
गउ दिठ्ठ साहु कंदप्पदवणु । धत्ता–तं जोइवि जाईसरु जायउ सेट्ठिसुउ । . सुमरिउ पुत्वभवंतरु जो जहिँ जेम हुउ ।।११।।
मलयायलि नामें सुंदरासू होतउ आलोयह कम्मभंगि
हउँ पोमावइ पिय गयवरासु । वीया मलया मयणालसंगि।
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