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४०० ] निसुणेवि एउ चितावियउ जइ जामि जाइ तो कुसिकणउ
सिरिचंदविरइयउ
[ ४१. २. ११हउँ तंतली संतावियउ । अह जामि न तो जणजंपणउ ।
घत्ता--इय चितवि उवरोहवसु सामग्गि करेप्पिणु ।
गउ गामहो आमंतियउ तणुरुहहो कहेप्पिणु ॥२।।
ता पहाण प्राणिय कुसि खणएँ कुहियउ काइँ करेवउ लेप्पिणु जा जोयइ हत्थेण लएप्पिणु ता सनामु सोवन्नु नियच्छइ नेवि तेण सहसत्ति नरिंदही अक्खर नियवि निवेण पउत्तउ ता उड्डेण नवेप्पिणु रायहो अक्खिउ अवर एक्क जिणयत्तहो तेण वि सा जिणपडिम लएप्पिणु
लइय न सा केमवि वणितणएँ । थिउ सो जाणइ जणणु भणेप्पिणु ।
..........। रायदव्वु किं कत्थइँ गच्छइ । दरिसिय वियसियमुहअरबिंदो। ५ अवरउ कहिं अच्छंति निहित्तउ । अट्ठाणवइ दिन्न पिन्नायो । ता पहुणा पेसिउ कोक्कउ तहो । गंपि निवइ विन्नविउ नवेप्पिणु ।
घत्ता-मइँ अमुणंतें एक्क पहु कुसि लोहु मणेप्पिणु ।
लइया कणउ मुणेवि अवर न लइय संकेप्पिणु ॥३॥ .
पडिमेह सामि भवभयहरहो
काराविय ताइँ जिणेसरहो । जं जाणहि तं महु करहि पहू
ता खमिउ तासु कियवइरिवहू । पिन्नागगंधवणियहो भवणु
बत्तीसकोडिपरिमाणधणु । अवरु वि कुसीहिँ सहुँ अवहरिउ
सकुडुंबु वि सुउ नियलहिँ भरिउ । एत्तहि गामही होतेण तिणा
पुच्छिउ घरवत्त को वि वणिणा। ५ तेणक्खिउ कुसिदोसेण तुह
धणु हित्तु कुडुंबु बधु अबुह । तं निसुर्णवि चूरिवि बे वि पया
मुउ एमइँ लेप्पिणु गामु गया । लल्लक्क नामे दुक्खुक्कुडए
हुउ तमपहे तइयण पत्थडए । नरयालण सो नारइउ खलु
अवरु वि इय पावइ पावफलु । घत्ता-अत्थु अणत्थहँ मूलदलु इय बुज्झवि वजह ।
मा तहो खणभंगुरहो का दुग्गइगमु सज्जह ।।४।।
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