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सिरिचंदविरइयउ
[ ४०. २. १०घत्ता-तेण वि दिन्नुवएसु रोयाउरचित्ताहरे ।
सव्वरुयाहरु तेल्लु अत्थि सोमसम्मो घरै ।।२।।
५
तं मग्गिवि आणहि पहयवाहु
पन्नप्पइ जेण तुरंतु साहु । गंतूण तत्थ वयणेण एण
मग्गिय चुंकारिय तेल्लु तेण । सा भणइ सेट्ठि घरि पइसरेवि
लइ मक्खणु नियभंडण करेवि । ता लेंतहो हत्थहो निच्छुडेवि
कुंभिणिहे कुंभु छुट्टउ पडेवि । भीएण पयासिउ सूणिवि ताण
लइ अवरु पयंपिउ कयखमाए । अवरु वि गेण्हंतही पढमु जेम
गउ भज्जिवि बीयउ तइउ तेम । लइ लेहि चउत्थउ पुणु वि ताण
वणि भणिउ हसेप्पिणु कयखमाए । विभियमणु पुच्छइ काइँ एउ
कहि केम वि नावइ तुज्झ खेउ । घत्ता--भासइ सा रोसेण मइँ महंतु दुहु पत्तउ ।
जावज्जीविउ तेण रूसेवउ परिचत्तउ ॥३॥
सुणु सेट्टि कहमि विसयम्मि मोढि
आणंदणयरि धणकणयपोढि । बंभु व चउवेयसंडगजाणु
सिवसम्मु अत्थि बंभणु पहाणु । कमला कमला इव तासु भज्ज
सिवभूइयाइ जाया मणोज्ज । सुय अट्ट ताप णवमी कुमारि
भद्दा नामेण जुवाणमारि । हउँ पाणपियारी पिउहे सुठ्ठ
मइँ समउ को वि जंपइ न दुर्छ । ५ केण वि कयाइ प्रालिउ करंति
विरुएण भणिय आगय रुयंति । साहारिवि सुहि जंपिय पिएण
ताएण वुत्तु सो विप्पिएण । रायो कहिऊण मणोहरम्मि
देवाविउ ढंढोरउ पुरम्मि । चुंकारइ' जो सिवसम्मपुत्ति
पुहईसु तासु चिंतइ अजुत्ति । तो दिवसही लग्गिवि हयमएण
चुंकारइ को वि न निवभएण। १० घत्ता--अच्चुंकारिय एउ नामु मझु विक्खायउ ।
तइयहुँ किउ लोएण अत्थवसेण समायउ ॥४॥
न कयावि भणेवी विप्पिएण एत्थाणिय ससिसम्मेण सेट्ठि ४. १ तुंकारइ।
पडिवज्जिवि परिणेप्पिणु पिएण। अच्छमि सुहेण कयसुयणहिट्ठि ।
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