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संधि ३९
धुवयं--निवरिसिहि कहतर कहमि निरंतरु देसु विदेहु भरहि वसइ ।
मिहिलापुरि धीरउ नामें मेरउ अस्थि राउ तहिँ गुणवसइ । धणसेणानामहे गुणहिँ जुया
तहो देविहे नंदण विन्नि हुया । पोमरहु महाबलु लोयथुप्रो
नमि वीयउ चारु पलंबभुप्रो। एक्कहिँ दिणि पहु निव्वेइयउ
सच्चउ हुयलद्धिपचोइयउ । पोमरहहु अप्पिवि रायसिरी
नमिणा समेउ गउ गहणगिरी । दमियारि नवेप्पिणु परमरिसी
हुउ संजउ दरिसियधम्मदिसी। एक्कहिँ दिणि नियतणुछाय वणे
नमि नियवि नियंतु मुणेवि मणे । गुरुणा णाणेणाएसु कउ
होसइ तियाइँ तव भंगु तउ । आयन्निवि एउ इत्थिरहिए
तउ तवमि पएसए अप्पहिए। १० इय चितिवि साहणत्थु मणहो
एक्कल्लउ गउ निज्जणवणहो । तहिँ अहनिसु झाणज्झयणरो
जामच्छण दूरुद्ध्यरो। घत्ता–तामायउ सत्थें सहुँ परमत्थें नडु नामें गोविंदु तहिं ।
नियपेडयसारउ सत्थविसारउ आवासिउ मुणि वसइ जहि ॥१॥
सव्वंगसलक्खण गुणभरिया आलोपवि सो मयणे नडिउ आपत्तु निएप्पिणु तेण मुणी उवसामियदूसहविरहसिही सहुँ ताण अवरवावारचुओ एक्कहिँ दिणि उज्जमवज्जियउ अहिमाणे पुव्वसमुद्दतडु नाणाविणोयरंजियजणउ तहिँ वड्डकुमारी रायसुया बहुदव्वु लएप्पिणु दुल्ललिया पच्छा जाएसहुँ भणिउ विडु
तहो कंचणमाला दिक्करिया । चारित्तगिरिहिसिहरहो वडिउ । पडि गाहिउ परियाणेवि गुणी । नियहिय समप्पिय दिनदिही । जामच्छइ ता तहि गब्भु हुओ। ५ गरहिउ पियान नमि लज्जियउ । गउ पुरु मुंडीरसामि पयडु । पारंभिउ तहिँ निसि पेक्खणउ । मयणेण नवर विवरीय हुया । परपुरिसें सहुँ रयणिहिँ चलिया। १० लइ पेच्छहुँ ताम नइंतु नडु ।
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