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३३. ६. २ ]
देवीहि पावई वरहो होंत हउँ पावियविज्जबलु एक्कहिँ दिणि कामविहाररउ तहिँ एह प्रासि विज्जाहरिया दट्ठूण पट्टु फुल्लकमले वामोहिउ लग्गउ कामसरु तहु मुहे चडेवि नीसरिउ तडु तं नियवि कयंजलि चारुमई
दुवई - एम भणेवि विज्ज सा संजाय मज्भ
माविणु बहुदिणितार्ह रउ सोहम्मि समाहिप्र देउ हुउ वउ लेवि यासें भंजियउ विज्जाहरि जा महु सग्गि पिया जो खगसुरसोक्खहिँ तित्थु वउ इय चितिवि वंसह प्रोयरिउ एत्थंतरि हरिसविराइयउ पच्चक्खउ विज्जउ नियवि पहु कहि काइँ एउ भो प्रच्छरिउ तं निसुर्णेवि जणु जिणधम्मरउ आलोवि निदिवि लेवि तउ वइरायरासु पच्छिमदिसए
५. १ मणु जणु ।
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कहको सु
घत्ता - लइ पडिवालहि ताम जाम मित्त सुरसामिणि । साहमि विज्ज मणोज्ज पुणु होसमि तुह भामिणि ॥४॥
खरिंदो पुत्तु पियंकर हो । पीयंकरनामें अतुलबलु । कालंबु नामें वावि गउ । लंखिय नामेण मणोहरिया | साहति पत्तें विज्ज जले । थि पंकयम्मि होप्रवि भमरु । किउ मणहरु अप्पाणउ पयडु | विज्जाहरसुंदरि विन्नवई ।
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साहेप्पिणु फणिपुत्ति वरवन्निया । मणवल्लह नियताएण दिन्निया ||
घत्ता - - सुरनरिदनाइंदवंदिउ
घणनामु निएप्पिणु लइउ तउ । पुणु एत्थ विप्पु सिवभूइसुउ । नडवेसें जणमणु' रंजियउ । सा एत्थु एह नडि पाणपिया । सो संपइ गच्छमि तित्ति कउ । ता वि पुव्वभउ संभरिउ । चिरविज्जानियरु पराइयउ । परिपुच्छइ विभियसयलसहु । ता तेण सवइयरु वित्थरिउ उसलु विसो गुरुपासु गउ । विहरेवि करेप्पिणु कम्मखउ । वेन्नाsपुरि वराडविसए । सिद्धसरूवउ ।
दुबई
- मयणरया वि तासु मणभामिणि माणमएण चत्तिया । सावयवयहलेण दिढदंसण प्रच्चयकप्पु पत्तिया ॥
सासयपुरु संपत्तु अमणु प्रणिदिउ हूयउ || ५ |
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