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२४० ] सिरिचंदविरइयउ
[ २२. २. ५सो सव्ववार घोसंतु मंतु
अच्छइ नियनहगइ चितवंतु। ५ करयलि धरेवि महुरक्खरेण
एक्कहिँ दिणि वारिउ वणिवरेण । सव्वत्थ वि सुय दुक्कियकयंतु
नउ उच्चारिज्जइ परममंतु । सिवसोक्खहेउ दुग्गइनिसेहु
देवाहिदेउ णवयारु एहु । नउ असुइसरीरे असुइ देसि
वुच्चइ सुइदेहें सुइपदेसि । उवहासु करंतहँ होइ दोसु
आहासइ प्रायन्नय विसेसु । जो होइ होउ सो सामि दोसु
महु एउ मुयंतहो गरुयसोसु । सक्कमि न मुहुत्तु वि मुयहुँ ताय
ता वणियहाँ मुहि नीसरिय वाय । धत्ता-जइ सक्कहि मुयहुँ न तो मा मेल्लसु खणु वि सुय ।
तुह एह निरुत्तउ देसइ लच्छि विणासचुय ।।२।।
दुवई-आयो सुहु अणंतु कल्लाणु महुच्छउ तुज्झ होसए ।
माहप्पेण पुवकयदुक्कियकम्मविणासु होसए । अहनिसु गोवालउ संभरइ
तं एक्कु मुहुत्तु न वीसरइ । एक्कहिँ दिणि महिसिहँ गंपि नई किय उत्तरेवि परखेत्ति रई। लहु ताहँ निसेहहुँ धावियउ
सियसूलें पाणि पावियउ । ५ मुउ अरुहु सरंतु नियाणवसु
हुउ सेट्ठिह सुउ उवलद्धजसु। . पंचमण मासि हुउ दोहलउ
किउ जिणमहिमुच्छवसोहलउ । सुहदसणु जिणयासि जणिउ
नामेण सुदंसणु सो भणिउ । सियपक्खससी व पहापसरु
वड्ढिउ रूवेण व पंचसरु । अक्खरलिबियाइउ निम्मलउ
अब्भसिउ वहत्तरी वि कलउ । १० आलिंगणाइ हयजुवइमणा
सिक्खिउ चउसट्ठि वि कामगुणा ।
घत्ता-संजाउ जुवाणउ सयलकलालंकारधरु ।
. नं महिमवइन्नउ केण वि कज्जें अमरवरु ।।३॥
दुवई–तेत्थु जि पुरि पहाणु वणिलोयही सायरदत्तनामयो ।
सायरदत्तकंतु जणवल्लहु अत्थि मणोहिरामग्रो ॥ पुत्ति रइ व्ब अईव मणोरम
जणिय तेण नामेण मणोरम । दिन्न सुदंसणासु परिप्रोसें
परिणिय मंगलतूरनिघोसें।
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