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२०. १०.३ ], कहकोसु
[ २२१ नाणेण वियाणियपुव्वभवो
वीसंबुहि आउसु निच्चनवो। माणेप्पिणु सव्वसुहाइँ चुउ
जंबूदुमलंछणि दीवि हुउ । ५ देविंददिसाग्र विदेहवरे
पुंडाइरिंगिणीनामपुरे। भव्वो विमलाइयकित्ति पहु
नामेण सिरीमइ तासु वहु । कामो व्व दिवायरकित्तिसुड़
मेहाइयसेणवयंसजुउ । सामी समग्गगुणायरहो
नामेण अत्थि सुदिवायरहो।। कालेण महामइ मुक्कमलो
संजायउ सव्वकलाकुसलो। १०
[मोडणउ नाम छंदो] | घत्ता-एत्तहे उत्तरमहरपुरे सेट्ठी सायरदत्तु पसिद्धउ ।
जयमइयहे तहो पियहे हुउ पुत्तु सुमंदिरु गुणहिँ समिद्धउ ।।८।।
५
गाहा–दाहिणमहुराण वणीसरस्स नामेण नंदिमित्तस्स ।
धणदत्ताण पियाए जायाप्रो वेन्नि धूयायो । पढमा नामेण सुसीलधरा
बीया सुमई माहवियसरा । दिनाउ इमाउ सुमंदरिहो
वणिउत्तहो तो गुणमंदिरहो। ता तहिँ विवाहसमयम्मि गउ
रविकित्ति समित्तु सकज्जरउ । आलोपवि सुठ्ठ मणोहरउ
संकेइउ तेण स सहयरउ । महसेणें ताउ सुयाहियउ |
अवहरियउ अद्धविवाहियउ । मन्नाविवि ते विच्छोइयउ
आणिउ पउरयणे जाइयउ । गंतूण पुंडरिंगिणिपुरिहे
जाणाविउ अरिकरिकेसरिहे । तेण वि सुणेवि अन्नायपरा
नीसारिय नवतारुण्णभरा।। अवमाणिय वीयसोयनयरे
गय वेवि भमंत विचित्तघरे । घत्ता-तत्थ विमलवाहणनिवर्हा विमलमईमहएविए जायउ ।
नं भल्लिउ मयरद्धयो अट्ठ तणुब्भवाउ विक्खायउ ॥९॥
१०
गाहा–मयणस्स जयवडाया जयमइ कणयप्पहा सुवन्ना य ।
सुप्पह सुमदी सुव्वद नंदा विमलप्पहा तह य ।। पुच्छिउ निवेण पाएसकरु
जयमइयहे होसइ कवणु वरु' । १०. १ करु।
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