SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कहकोसु सन्धि कडवक क्र० सं० प्र० भा० ३२ २ (३२) परदव्वहरणबुद्धी सिरिभूदी नयरमज्झयारम्मि । होदूण हदो पहदो पत्तो8 दीहं च संसारं78 ।। ८७३ ३३ १ (३३) निच्चं79 पि कुणदि कम्मं कुलउत्तदुगुंछिदं० विगदमाणो । वारत्तो81 वि कम्म1 अकासि जह लंखियाहे2 ॥ ९०८ , ६ (३४) बारसवरिसाणि83 वि संवसित्तु कामादुरो न नासीय84 । पादंगुट्ठमसंतं गणियाए गोरसंदीवो ॥ ९१४ ३४ १ (३५) इहलोए वि महल्लं दोसं कामस्स वसंगमो85 पत्तो। कालगदो वि य पच्छा कडारपिंगो गदो निरयं ॥ ९३४ ३५ १ (३६) अोघेण86 न वूढानो जलंतघोरग्गिणा न दड्डामो7 । सप्पेहिं सावएहि88 य89 90परिहरिदाभो वि89 कामो वि॥ ९९८ , ५ (३७) साहुं1 पडिलाहेदुं गदस्स सुरदस्स92 अग्गमहिसीए । नटुं सदी अंगं कोढेण मुहुत्तमेत्तेण ॥ १०६१ , ९ (३८) जादो हु94 चारुदत्तो गोट्ठीदोसेण तह विणीदो वि । गणियासत्तो मज्जे95 सत्तो कुलयनासो 6 य तहा ॥ १०८२ ४३ ४ (३९) संभूदो वि निदाणेण देवसोक्खाइँ7 चक्किसोक्खाई98 । पत्तो तत्तो य चुदो उववन्नो नरयवासम्मि9 ।। १२८२ 'कहकोसु' में उद्धृत अन्य प्राकृत गाथाएँ १ ९ (१) जिह कुड्डण विहणं पालेक्खं नत्थि जीवलोयम्मि । तिह पवयेण विहूणं पावंति कहं न सोयारा ॥ ५ १५ (२) धम्मो जयवसियरणं धम्मो चिंतामणि अणघेउ । धम्मो सुहवसुधारा धम्मो कामदुहा धेणू ॥ ७८ क ख सो दीहसंसारं । ७६ क ख णीचं । ८० क ख 'पुत्तदुगुंछियं । ८१ क तो वि कुकम्म; ख वारित्तगो वि० । ८२ क ख लंधिया। ८३ क ख वासाणि । ८४ क याणीय । ८५ क ख वसगदो। ८६ ख उग्घेण । ८७ क दग्धाो । ८८ क देहि ख 'ज्जेहिं । ८६ ख वि हरिदा खद्धा ण । १० क दामो य काो । ६१ क ख साधुं । ६३ यस्स । ६३ क ख जहा मुहुत्तेण । ६४ क ख खु। ९५ क ख मज्जा । ९६ क ख कुलदूसरो। ६७ क सुक्खं च, ख सोक्खं च । १८ क चक्कहरसुक्खं; ख चक्कधरसोक्खं। ९९ क ख णिरय। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001367
Book TitleKahakosu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1969
Total Pages675
LanguageApbhramsa, Prakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy