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१६. १४. १२. ]
कहकोसु घत्ता-चउसायरमेर निसायरफलहे लिहावियनामउ ।
___ भुजेसइ पुहइ हवेसइ पिy तुह सुउ अहिरामउ ।।१२॥
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सुविणयफलु एउ सुणेवि सई
गय गेहहो तुट्ठ गइंदगई। कइवयदिणेहिँ वेल्लहलभुया
पुहईसपत्ति गुरुहार हुया । निद्दालसु जंभणु मंदगई
अहिनिसु हुय देविहे धम्मि मई । निवडणभएण किउ दुज्जणहिं
वयणारविंदु कालउ थणहिं ।। पुच्छिय नाहेण जसुज्जलिया
कमलाणणि किं तुहुँ दुब्बलिया । ५ कहि कासुप्परि तुह दोहलउ
किज्जउ अउव्वु को सोहलउ । आयण्णिवि नाहहो भासियउ
देविण अहिलासु पयासियउ । नरवेसु करेप्पिणु पइँ समउ
रुहिऊणं रेवातिलउ गउ । धयछत्तचिंधकयमंडवेण
मंगलतरारवतंडवेण । विरइयवेसेण सुहावणेण
परिवारिय पियपरियणजणेण । १० पवहंत मंदसीयलपवणे
दुद्दिणि ईसीसे सवंतघणे । जइ करमि पयाहिण पट्टणहो
तो होइ सुहत्थी महु मणहो । घत्ता-तहिँ अवसरि पहुणा पुरवरि परमुच्छउ काराविउ ।
नं गिरिवरु मयजलनिब्भरु करिवरु सिंगाराविउ ॥१३।।
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विज्जाहरु विज्जावेउ तुरिउ
नियमित्तु नरिंदें संभरिउ । तेण वि आवेप्पिणु वित्थरिउ
दुद्दिणु घणेहिँ रवि अंतरिउ । सीयलु सुयंधु निम्मिउ पवणु
वरिसाविउ जलु एक्केक्कु कणु । आणंदभेरि सरसद्दियउ
जणु मिलिउ सव्वु आणंदियउ । एत्तरि गरुयाणंदभरे
जयमंगलतूरारवगहिरे। कोऊहलमाणस गुणणिलया
कयपुरिसवेस थीयणतिलया। गयखंधि चडावेवि पुरउ बहु
अप्पणु पुणु पच्छारुहिउ पहु । सुरनियरविराइय लोयपिया
नं इंदपडिद गइंदि थिया । सव्वेहिँ मि जयजयकारु कउ
कमचारें चोइउ चलिउ गउ । तडितडयडंति गज्जंतु घणु
वरिसंतु निएप्पिणु इंदधणु । घत्ता-रुदु व जमु करि लंघियकमु सुमरेप्पिणु जम्मणवणु ।
नीसरियउ चप्पिवि तुरियउ काइँ करइ किर परियणु ॥१४।।
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