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मू० - मुहुमेहिं अंगसंचालेहिं, मुहुमेहिं खेलसंचालेहिं, सुहुमेहिं दिट्ठिसंचालेहिं ॥२॥ एवमाइएहिं आगारेहिं अभग्गो अविराहिओ हुज्ज मे काउस्सग्गो ॥ ३॥
शब्दार्थ:
सुहुमेहिं-सूक्ष्म अंगसंचालेहिं - अंग चालवाथी
खेलसंचाले हिं-बळखो आव
वाथी (कफ)
दिट्ठिसंचालेहिं - दृष्टि चालवाथी एवमाइएहिं - ए विगेरे
-२९
आगारेहिं- आगारों
अभग्गो - अखंडित
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अविराहिओ - अविराधित विरा
धना रहित
हुज्ज हो
मे - मारो
काउस्सग्गो-काउस्सग्ग
सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं —— सूक्ष्म प्रकारथी शरीरनो संचार थवाथी, शरीर जरापण चालवाथी.
सुहुमेहिं खेलसंचालेहिं — सूक्ष्म कफ या थूकनो संचार थवाथी.
सुहुमेहिं दिट्ठसंचालेहिं — सूक्ष्म दृष्टि संचार थवाथी, आंखनी कीकी या भ्रमर वगेरे चालवाथी.
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