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________________ '४१२ शुद्ध करी जतनाथी परठववो; परठवतां अणुजाणह जस्सवग्गहो कहेवू, परठव्या पछी त्रण वखत वोसिरे वोसिरे पम कहेवू. पछी इरियावही तस्सउ० अन्नत्थ० कही एक लोगस्सनो काउस्लग्ग करी प्रगट लोगस्ल कहेवो पछी देववंदन कर (जुवो पृष्ट ४०६ मा) देव वांदी पछी जो रात्रि पोसह होय तो प्रतिक्रमणमा मांडला करवा तेनी विधि. खमासमण दइ इच्छाका० इरियावही पडिकमि काउस्सग्ग करी प्रगट लोगस्स कही खमासमण दइ इच्छाकारेण संदिस्सह भगवन् पच्चक्खाण करावोजी, पछी खमालमण दइ थंडिलभूमि प्रमाणु. ते आ प्रमाणे,-पोसहमां वडीनीति, लघुनीति, परठववा योग्य शुद्ध भूमि निरीक्षण माटे चोवीस मांडला करवा ते नीचे प्रमाणे. ॥ प्रथम संथारा पासेनी जग्यायें ॥ आगाढे आसन्ने उच्चारे पासवणे अणहियासे, ॥ १॥ आगाढे आसन्ने पासवणे अणहिआसे ॥ २ ॥ आगाढे मझे ऊच्चारे पासवणे अणहिआसे ।। ३ ॥ आगाढे मज्झे पासवणे अगहियासे ॥ ४ ॥ आगाढे दूरे ऊच्चारे पासवणे अणहियासे ॥५॥ आगाढे दूरे पासवणे अणहियासे ॥ ६ ॥ ॥ उपाश्रयना द्वार मांहेनी तरफना ॥ आगाढे आसन्ने उच्चारे पासवणे अहिआसे ॥१॥ आगाढे आसन्ने पासवणे अहिआसे ॥ २ ॥ आगाढे मझे ऊच्च रे पासवणे अहियासे ॥ ३ ॥ आगाढे मज्झे पासवणे अहियासे ॥ ४ ॥ आगाढे दूरे ऊच्चारे पासवणे अहियासे ॥ ५ ॥ आगढे दूरे पासवणे अहियासे ॥ ६ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001362
Book TitlePanch Pratikramana Sarth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokaldas Mangaldas Shah
PublisherShah Gokaldas Mangaldas
Publication Year1942
Total Pages455
LanguageGujarati, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Ritual_text, & Ritual
File Size18 MB
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