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देववहुहिं देवांगनाओए
ळीनो शब्द, वीणा अने पयओ-सावधानपणे
पटहनो ताल मेळवे छते पणमियस्सा-नमस्कार करायेला | तिउक्खराभिरामसद्दमीसए कर जस्सजगुत्तमसासणयस्सा
अ-त्रिपुष्कर वाजिंत्रना मनोहर मुक्ति पमावडाने शक्य छे
शब्दवडे मिश्र करे छते जगत जेनावडे एवं उत्तम शासन छ जेनुं एका
सुइसमाणणे अ-सर्व शब्दनी भत्तिवसागयपिंडिअयाहिं-भ
प्राप्ति थवा माटे कानने क्तिना वशथी आवीने एकत्र समान-सावधान करे छते थयेली
सुद्धसज्जगीअपायजालघंटिदेक्वरच्छरसाबहुआहि-नृत्य आहिं-शुद्ध-निषि एव॒ षड्ज
करनार अने वगाडनार स्वरवडे जे गोत अथवा एवा श्रेष्ठ देवो तथा सज्ज करेलु जे गीत, तेणे नृत्यमां कुशळ एवी अप्स- करीने सहित एवो पगने राओवडे धणी संख्यावाळी विषे जाळना आकारवाळी थयेली
घुघरीओवडे नृत्यादिक मुरवररइगुणपंडिअयाहि-सुर
जणाते छते तथा बरोनी साथे रतिक्रीडा वलयमेहलाकलावनेउराभिकरवारूप गुणने विषे रामसहमीसए कए अ-कंकण कुशळ एवी
कटिमेखळा, कलाप नामनो वंससद्दतंतितालमेलिए-वांस- | अलंकार अने नू पुरना में
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