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( ५७ ) छिपकली है। बहुत बचा, नहीं तो आज मर गया होता।"
उस दिन से उसने रात में खाना छोड़ दिया। वह कहने लगा--"रात का खाना बहुत बुरा है। अब भूल करके भी कभी रात में खाना नहीं खाऊँगा।"
रात का खाना बहुत खराब है। रात में उल्लू . और चमगादड़ खाते हैं। हंस और तोता रात को नहीं खाते। जो अच्छे और भले हैं, वे रात के खाने से परहेज करते हैं। रात का खाना अन्धा है। मक्खी, मच्छर, चींटी आदि अनेक सूक्ष्म जीव खाने में पड़ जाते हैं। हिंसा भी होती है और उससे स्वास्थ्य भी खराब होता है। इसलिए भूल कर भी रात्रि में भोजन नहीं करना चाहिए।
अभ्यास १. यह घटना कहाँ और कैसे बनी ? । २. जैन धर्म में रात्रि-भोजन कैसा बताया है ? । ३. रात में कौन पक्षी खाते हैं ? कौन नहीं ।
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