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________________ राजा ११ मेघरथ बात पुराने समय की बहुत पुराने है— मेघरथ नाम के एक बड़े दयालु राजा थे। किसी भी दुःखी को देखकर उनका कोमल हृदय दया से भर जाता था। वे दीन दुःखी की सेवा करने में किसी प्रकार की कमी नहीं रखते थे। यहाँ तक कि सेवा और दया के मार्ग में वे अपना सब कुछ निछावर करने को तैयार हो जाते थे। Jain Education International अच्छे लोगों का यश इस लोक में ही नहीं पहुँचता है। राजा पहुँच गया। एक ने रहता वह दूसरे लोकों में भी जा का यश भी स्वर्ग लोक तक की है कि बात कि स्वर्ग के राजा अपनी देव-सभा में में मेघरथ के दया भाव भारी प्रशंसा की, सब देवताओं ने सुनकर समय ( ३५ > For Private & Personal Use Only इन्द्र की बड़ी प्रसन्नता www.jainelibrary.org
SR No.001360
Book TitleJain Bal Shiksha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size2 MB
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