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नवकार मन्त्र को प्राचीन काल में नमोक्कार मन्त्र भी
कहते थे ।
नवकार महामन्त्र की महिमा
( चूलिका )
एसो पंच - नमोक्कारो,
सव्व - पाव - प्पणासलो ।
मंगलाणं च
पढमं हवद्द
सव्वेसि,
मंगलं ||
अर्थ
यह पांच पदों को
नमस्कार,
सब पापों का नाश करने वाला है ।
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संसार के सब मंगलों में
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पहला अर्थात् श्रेष्ठ मंगल है |
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