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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
शिल्परत्नम् : श्रीकुमार, सम्पा० के० साम्बशिव शास्त्री, त्रिवेन्द्रम् , १६२६ शील पाहुड़ : बम्बई, वि० सं० १६७७ श्लोक वार्तिक : शोलापुर १६४६-१६५६ श्रावकधर्म प्रदीप : कुन्थुसागर, सम्पा० जगन्मोहन लाल, बनारस, वीर नि० सं०
२४८१ समरांगण सूत्रधार : भोज, सम्पा० टी० गणपति शास्त्री, खण्ड १, बड़ौदा, १६२४ समयसार : कुन्दकुन्द, सम्पा० कैलाशचन्द्र, शोलापुर, १६६० सर्वार्थसिद्धि : फूलचन्द्र, काशी, १६५५ सिद्धान्तसार-संग्रह : जीवराज जैन ग्रन्थमाला, १६५७ सूत्रकृतांग : तुलसी, नथमल, लाडनूं, वीर सं० २०३१ सूत्र पाहुड़ : बम्बई, वि० सं० १६७७ स्तुतिविद्या : समन्तभद्र, सम्पा० पन्ना लाल, सरसावा, १६५० स्याद्वादमञ्जरी : परम श्रुत प्रभावक मण्डल, वि० सं० १६६१ स्वयम्भू-स्तोत्र : समन्तभद्र, अनु० जुगलकिशोर मुख्तार, सहारनपुर, १६५१ हरिवंश पुराण : ज़िनसेन, सम्पा०, पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, १६६२ . हरिवंश पुराण : पुष्पदन्त, दिल्ली, सं० १६६७
. जैनेतर मूल ग्रन्थ
अग्नि पुराण : अनु० एस० एन० दत्त, कलकत्ता, १६०३ अथर्ववेद : सम्पा० आर० रॉथ एवं डब्ल्यू० डी० विटनी, बलिन, १६२४ अर्थशास्त्र : कौटिल्य, अनु० शामशास्त्री, मैसूर, १६२६ अभिज्ञानशाकुन्तलम् : कालिदास, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, १६२६ अमरकोश : अमरसिंह, सम्पा० टी० गणपति शास्त्री, त्रिवेन्द्रम् , १६१४-१६१७ अष्टाध्यायी : पाणिनि, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, १६२६ आपस्तम्ब धर्मसूत्र : बनारस, १६३२ आपस्तम्ब गृह्यसूत्र : वाराणसी, १६३४ आश्वलायन गृह्यसूत्र : निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, १८६४ आश्वलायन श्रौतसूत्र : कलकत्ता, १८७६ उत्तररामचरित : सम्पा० पी० वी० काणे, बम्बई, १६२६
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