________________
४४६
जन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
वनगिरि, वरुण,२ वसन्तगिरि, वातपृष्ठ, वासवत, विमलकान्तार, वेलन्धर, वैताड्य, वैडर्य, वंशस्थखिल, वंशस्थल,१९ वंशधर, वृषभाचल, शत्रुञ्जय,४ शिविभूधर,५ शंख,६ श्रीकट, श्रीनाग,८ स्वयंप्रभ,१५ सम्भेद,२० सन्ध्याभ्र,२१ सन्ध्यावर्त,२२ संस्थलि,२३ सिन्धुकूट,२४ सितगिरि,२५ सुमन्दर, २६ सुरगिरि, " सुवेल, सुरदुन्दुभि,२' सुसीमा, हिमगिरि," हिमनाग,१२ ह्रीमन्त ।
१. महा ६७।११५
१८. वही ६६।१३ २. हरिवंश २७।१२
१६. हरिवंश ५।७३ ३. पद्म २११८२
२०. महा ५६।५४; पद्म ५।२४६, ४. महा २६१६६
८.२३ ५. वही २६७०
२१. पद्म १८।११२ ६. वही ६६।१८८
२२. वहीं ८२४ पद्म ५४।६४
२३. वही ८।४०५ हरिवंश ४२।१७
२४. महा ७४।१७१ वही २६०६७
२५. वही २६६८ १०. पद्म ६१।१६,
२६. वही ३०१५० ११. वही १।८४, ८५२
२७. वही ४७।६ १२. वही ३६।११
२८. पद्म ५४१७० १३. महा ३२।१३०, हरिवंश ११।४७ २६. वही ११२१७३ १४. हरिवंश ६५।१८
३०. महा ४७।१३४ १५. महा ७६।३२२ ।
३१. वही ७३।२६; पद्म ३१६२ · १६. हरिवंश ॥४६२
३२. पद्म ५०।३२ १७. महा २६८६
३३. हरिवंश २१।२४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org