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________________ भौगोलिक दशा ४२५ मन्दारपुर : यह विजयार्ध पर्वत की दक्षिणी श्रेणी में स्थित था । मन्दार नगर को मन्दरपुर भी कहा गया है । २ यह जाह्नवी नदी के दक्षिण की ओर विन्ध्य पर्वत पर स्थित था । मथुरा : मथुरा शूरसेन देश की राजधानी थी । यह उत्तर प्रदेश का जिला है जो यमुना के तट पर स्थित है । " महीपुर : गान्धार देश में महीपुर नगर था। महानगर : विजयार्ध पर्वत के पूर्व और नीलगिरि के पश्चिम की ओर सुसीमा देश में महानगर नामक नगर था । अन्यत्र उल्लिखित है कि पश्चिमी धातकीखण्ड द्वीप में मेरु पर्वत से पश्चिम की ओर सीता नदी के दक्षिण तट पर रम्यकावती देश में इसकी स्थिति बतायी गयी है । " माहिष्मती : अवन्ति देश की दो राजधानियाँ थीं— उत्तरी भाग की उज्जयिनी या उज्जैन और दक्षिणी भाग की माहिष्मती । " मिथिला " : मिथिला विदेह की राजधानी थी, जिसे तिरभुक्ति (आधुनिकतिरहुत) भी कहते थे । इसे नेपाल की सीमा पर स्थित आधुनिक जनकपुर नामक छोटे कस्बे से समीकृत करते हैं । इसके उत्तर में मुज्जफरनगर और दरभंगा जिले हैं लंका : त्रिकुटाचल के नीचे तीस योजन विस्तार की लंका नगरी का उल्लेख है ।" इसे आधुनिक श्रीलंका से समीकृत करते हैं । १. महा ६३।१७० पद्म १७।१४१; हरिवंश ६०।२४२ ३. लाहा - वही, पृ० ५३४ ४. पद्म १६५; हरिवंश ३३।२५; महा ५७।७८, ७०।३३१ ५. लाहा - वही, पृ० १७६ १८१ ६. महा ७५।१३ ७. वही ४७/६५ वही ५६।२-३ ८. ६. हरिवंश १७।२१; पद्म १०/६५ १०. लाहा -- वही, पृ० ५०६ पद्म २०।५५, २८।११६ हरिवंश २० २५ ११. १२. लाहा -- वही, पृ० ३६६- ३६७ १३. पद्म ५।१५२-१५८, २०।२४३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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