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________________ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन १. पुराण नामधारी ग्रन्थ : क्रम सं० ग्रन्थ का नाम _पद्म पुराण (अपभ्रंश) (रामदेव पुराण) For* * लेखक का नाम कवि रइधू जिनदास सोमदेव धर्मकीर्ति भट्टारक चन्द्र कीर्ति चन्द्र सागर श्रीचन्द्र रचना-काल १५-१६वीं शती १६वीं शती सं० १६५६ सं० १६६६ १७वीं शती (राम पुराण) - ; २. चरित या चरित्र नामधारी ग्रन्थ : रचना-काल लेखक का नाम भुवनतुंगसूरि क्रम सं० ग्रन्थ का नाम १. सीता चरित्र २. राम लक्ष्मण चरित्र ३. पद्म महाकाव्य ४. रामचरित्र ५. पद्म पुराण पंजिका ६. सीता चरित्र शुभवर्धनगणि पद्मनाथ प्रभाचन्द्र या श्रीचन्द्र (अप्रकाशित). शान्तिसूरि ब्रह्मनेमिदत्त अमरदास या ब] महाभारत विषयक पुराण : महाभारत की कथा पर आधारित जिनसेनाचार्य द्वारा विरचित संस्कृत का हरिवंश पुराण इस प्रकार का सर्वप्रथम पुराण है । ये जिनसेन आचार्य आदि पुराण के रचयिता जिनसेनाचार्य से पृथक् हैं । हरिवंश पुराण की तिथि शक सं० ७०५ (७८३ ई०) मानी गयी है। हरिवंश पुराणकार ने अपने ग्रन्थ का आधार गुरु परम्परा वर्णित किया है। हरिवंश पुराण में मुख्यतः २२वें तीर्थकर नेमिनाथ का चरित्र-लेखन अभीष्ट है, परन्तु प्रसंगोपांत अन्य कथानक भी इसमें उल्लिखित हैं । नेमिनाथ के साथ नारायण और बलभद्र पद के धारक श्रीकृष्ण और राम का भी चरित्र वर्णित है। इस प्रकार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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