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________________ भौगोलिक दशा ४०३ कच्छ' : कच्छ को ही कच्छकावती भी कहा गया है। महा पुराण में कच्छ, महाकच्छ राजाओं का वर्णन मिलता है। इसी पुराण के अनुसार पूर्वविदेह क्षेत्र में सीता नदी के उत्तर कच्छ नामक देश है।' इसके बाद कहा गया है कि जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से पूर्व कच्छकावती देश है, उसमें वीतशोक नामक नगर है। हरिवंश पुराण में पश्चिम विदेह क्षेत्र में सीता नदी तथा नील कुलाचल के मध्य कच्छ या कच्छकावती देश की स्थिति बतायी गयी है। कम्बोज' : डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल ने आधुनिक पामीर और बदख्शां के सम्मिलित भू-भाग को कम्बोज देश माना है । हरिवंश पुराण में कम्बोज को काम्बोज भी कहा गया है । कम्बोज लोग पश्चिमी हिमालय के रहने वाले बताये गये हैं । भौगोलिक रूप में वे उत्तर में रहते थे। कुछ लोगों ने इन्हें राजपुर में स्थित बताया है। वे सिन्धु नदी के पश्चिमोत्तर में स्थित थे और प्राचीन फारसी अभिलेखों के कम्बुजियों के समान थे। कन्याकुब्ज": इसे गाधिपुर, कुशस्थल तथा महोदया भी कहा जाता था, यह आधुनिक कन्नौज है। कन्याकुब्ज या कान्यकुब्ज पञ्चाल क्षेत्र के अन्तर्गत आता था। कश्मीर : यह ऊँचे एवं दुरारोह पर्वतों से परिवृत्त एक पठार पर स्थित है। इस देश का दक्षिगी एवं पूर्वी भाग हिन्दुओं और पश्चिमी भाग विविध राजाओं के अधीन था।" १. महा १६।१५३, २६७६; पद्म १०१।८१; हरिवंश ६०७५ २. वही १७ ३. वही ४६२ ४. वही ६६०२ ५. हरिवंश ५१२४५ ६. महा १६।१५६; हरिवंश ३१५ ७. वासुदेव शरण अग्रवाल-पाणिनिकालीन भारतवर्ष, वाराणसी, सं० २०१२, पृ० ६१ हरिवंश ५०७३ ६. विमल चन्द्र लाहा-प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भूगोल, पृ० १५१ १०. महा ६५।५८ ११. लाहा-वही, पृ० १५८ १२. महा १६।१५३; पद्म १०१।८२ १३. लाहा-वही, पृ० ५८२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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