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________________ ( xxix ) देवताओं के प्रकार, ज्योतिषी देवता, भवनवासी देवता, व्यन्तर देवता, कल्पवासी देवता, अन्य देवी-देवता। ६. पूजा- पूजा : लक्षण एवं नाम, पूजा : प्रकार एवं विधि-विधान (सदार्चन, चतुर्मुख, कल्पद्रुम, अष्टाह्निक); यज्ञ और यज्ञों का विरोध (आर्य यज्ञ और अनार्य यज्ञ); वेद और वेदों का विरोध । ७. दानदान की व्युत्पत्ति; दान का लक्षण; दान : प्रकार एवं स्वरूप (दयादत्ति, पात्रदत्ति, समदत्ति, अन्वयदत्ति, शास्त्र दान, अभय दान, अन्न दान, प्रशंसनीय दान, निन्दित दान); दान की पात्रता और उसका परिणाम; दान की वस्तुएँ; दान का महत्त्व तथा फल । ८. व्रतोपवास । ३६८-४५४ ३६८-४१६ ६. भौगोलिक दशा (क) देश [राष्ट्र] १. समीकृत देश (राष्ट्र); २. असमीकृत देश (राष्ट्र) (ख) नगर १. समीकृत नगर; २. असमीकृत नगर । ४१७-४३८ (ग) पर्वत ४३६-४४६ २. असमीकृत पर्वत । ४४७-४५४ २. असमीकृत नदी। १. समीकृत पर्वत; (घ) नदी १. समीकृत नदी; संदर्भ-ग्रन्थ शब्दानुक्रमणिका चित्र-फलक ४५५-४८१ ४८२-४६२ ४६३-५३३ - - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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