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धर्म आत्मा का अनन्त दिव्य प्रकाश है। यह | बाहर में नहीं, अन्दर में है। परन्तु संसार में धर्म के नाम पर अधर्म की मिलावट भी होती रही है, जिससे सच्चे धर्म को पहचानना प्रायः कठिन हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि हम धर्म के असली स्वरुप को समझें, और फिर उस पर निष्ठापूर्वक आचरण करें।
धर्म
धर्म का क्या अर्थ है ? जो दुःख से, दुर्गति से, पापाचार से, पतन से बचाकर आत्मा को ऊँचा उठाने वाला है, धारण करने वाला है, वह धर्म है।
सच्चा धर्म क्या है ? 'जिससे किसी को दुःख न पहुँचें- ऐसा जो भी अच्छा विचार और अच्छा आचार है, वही सच्चा धर्म है। क्या जैन-धर्म सच्चा धर्म है ? हाँ, वह अच्छे विचार और अच्छे आचार वाला धर्म है, इसलिए सच्चा धर्म है।
जैन धर्म का क्या अर्थ है ? जिन भगवान का कहा हुआ धर्म, जैन- धर्म है। जिन भगवान कौन ? जो राग-द्वेष को जीत कर पूर्ण पवित्र और निर्मल आत्मा हो गये हैं, वे जिन भगवान हैं, श्री पार्श्वनाथ, महावीर आदि। जैन-धर्म : निर्ग्रन्थ धर्म भी है
जैन धर्म के क्या दूसरे भी कुछ नाम हैं ? हाँ, अहिंसा-धर्म, स्वाद्वाद- धर्म, आर्हत-धम, निर्ग्रन्थ-धर्म आदि। जैन धर्म में अहिंसा का बड़ा महत्व है, इसलिए यह अहिंसा धर्म है। स्वाद्वाद का अर्थ पक्षपात-रहितता है, इसलिए पक्षपात-रहित होकर तटस्थ भाव से
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