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________________ प्रकाशकीय स्वर्गस्थ आत्माः लाला शहजादे लाल तथा उनकी धर्म-पत्नी, धर्म-प्रिया, श्रीमती विद्या देवी जी की पुण्यमयी संस्मृति में माता-पिता के भक्त, और पूज्य गुरुदेव उपाध्याय, राष्ट्र-सन्त अमर मुनि जी के परम भक्त, श्रीयुत पवन कुमार जी जैन ने अपना अर्थ सहयोग देकर, समाज और संस्कृति पुस्तक का प्रकाशन कराया है । पवन कुमार जी प्रकृति के सरल, स्वभाव से मधुर और व्यवहार से चतुर हैं । दान-शीलता आपका विशेष गुण है । पूज्य गुरुदेव उपाध्याय अमर मुनि जी द्वारा संस्थापित वीरायतन के निर्माण में आपने तन से, मत से और धन से, समय-समय पर पूरा योगदान एवं अनुदान दिया है । तदर्थ आप को बहुत-बहुत धन्यवाद है । जैन भवन, लोहा मंडी आगरा १५-७-१९६४, शुक्रवार ओम प्रकाश जैन मन्त्री श्रीसन्मति ज्ञान-पीठ, आगरा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001344
Book TitleSamaj aur Sanskruti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1994
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Culture
File Size15 MB
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