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________________ पण्डित आशाधर की पद्धति पक्ष, चर्या और साधन अथवा पक्ष, निष्ठा और साधन के आधार पर आशाधर ने इस प्रकार से श्रावक आचार अथवा श्रावक धर्म का कथन किया है १. . निर्ग्रन्थ देव, निर्ग्रन्थ गुरु और निर्ग्रन्थ धर्म को ही मानना पक्ष है। इस प्रकार का पक्ष रखने वाले गृहस्थ को पाक्षिक-श्रावक कहा जाता है। इस उपासक की आत्मा मैत्री, मुदिता, करुणा तथा मध्यस्थता भावनाओं से भावित होती है। २. हिंसा न करना, न्याय-नीति से धन का उपार्जन करना, द्वादश व्रतों का पालन करना और एकादश प्रतिमाओं की सविधि साधना करना, चर्या अथवा निष्ठा है। इस प्रकार के श्रावक को आशाधर नैष्ठिक श्रावक कहता है। आचार मीमांसा ३. जीवन की सन्ध्या वेला में, सावध योग का त्याग करके, भक्त-पान का प्रत्याख्यान करना, साधन है। इस प्रकार के साधन को स्वीकार करने वाला श्रावक साधक कहलाता है। १. पञ्च अणुव्रत । २. तीन गुणव्रत । ३. चार शिक्षाव्रत । ९७ साधकों के अन्य प्रकार से प्रकारान्तर हो सकते हैं। जैसे कि गुणस्थानों में, साधकों के दो प्रकार हैं- अविरत और विरत । विरतों के भी देशविरत और सर्वविरत । सर्वविरतों में भी प्रमत्त और अप्रमत्त। योग शास्त्र में भी आचार्य हरिभद्र ने तथा आचार्य हेमचन्द्र ने साधकों के अनेक भेद, प्रभेद और अनुभेद किए हैं। श्रावक के द्वादश व्रत तीन भागों में विभक्त है, जिनका कथन इस प्रकार है (अ) पञ्च अणुव्रत (ब) सप्त शीलव्रत (स) पञ्च अणुव्रत (द) सप्त शिक्षाव्रत । व्रतों की क्रम-व्यवस्था Jain Education International श्रावक के अथवा उपासक के द्वादश व्रतों में, प्रथम पञ्च अणुव्रत, द्वितीय तीन गुणव्रत और तृतीय चार शिक्षाव्रत हैं। श्रमण के पञ्च महाव्रतों की अपेक्षा लघु होने के कारण श्रावक के पञ्च व्रत अणुव्रत अथवा लघुव्रत कहे जाते हैं। ये पाँच अणुव्रत श्रावक के मूलगुण होते हैं। तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रत श्रावक के उत्तरगुण हैं। श्रमण के पाँच महाव्रत मूलगुण हैं, और पञ्च समिति तथा तीन गुप्ति, उत्तरगुण कहे जाते हैं। मूलगुण श्रमण धर्म के तथा श्रावक धर्म के आधारभूत होते हैं। उत्तरगुण, मूलगुणों को For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001338
Book TitleAdhyatma Pravachana Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1991
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size10 MB
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