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नहीं, कुछ भी कमी नहीं रहेगी। महावीर कहते थे--यदि तू करना चाहे, तो सब कुछ कर सकता है। मूल में संकल्प चाहिए कुछ कर गुजरने का।
"क्या कमी तुझे है त्रिभुवन में, यदि तू पाना चाहे। सब-कुछ करने की क्षमता है, यदि तू करना चाहे॥"
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सागर, नौका और नाविक
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