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अंतधणं छे ८।२
विहोणं छे । ७ रूऊणुत्तरभजियं छे । ७ ८1८
८1८
८ . ८ । १ एंदिदु द्विवरमत्रिराशियुतियक्कुं । तदधस्तनपत्य सप्तमूलार्द्धच्छेदंगळ मष्टमूला र्द्धच्छेदंगळं नवम. मूलाद्धच्छेदंगळुर्द्धाद्ध क्रम दिनिवल्लि छे अंतधणं छे गुणगुणिय छे २
८।८।२
८।८।२
८।८।२
आदि छे
गुणगुणियं छे । २ आदि छे ८।२
एंदिदु त्रिचरमराशि
८।८।८
८।८।८।१
५ त्रितययुतियक्कुमी क्रर्मादिदमिलिदिळिवु मूरु महराशिगळं कूडुतं पोगि पल्वग्गंशलाकाराशियष्टमवर्गद्ध च्छेदंगळं सप्तमवग्र्गाद्ध च्छेदंगळं षष्ठवर्गाद्धं च्छेदंगळ मर्द्धाद्ध क्रम दिवमिवल्लि गुणगुणियं व छे ८।८।२।२ । २ आदि
|८|| ४ | अंतधणं व छे ८।८१४ वछे ८ | ८|२
व छे ८।८।१
१० मिलिता छे । ७
गो० कर्मकाण्डे
विहीणं छे । १
चतुर्थ पंचमषष्ठमूलाधं च्छेदाः छे
८।२ छे
८।८।८
८८१८
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व छे ८१८ विहोणं व छे ८।८।७ रूऊणुत्तर भजियं व छे ८1८1७ एंविदु तृतीय
१
८।८।४
छे
८।८।८
ऊत्तर भजियं छे । १
८।२।२
छे
८।२।२।२
मिलिताः सप्तमाष्टमनव मूलार्षच्छेदा छे
एवमवतीर्यवतीर्य पल्यवर्गशलाकानामष्टमसप्तमषष्ठ वर्गार्धच्छेदाः
८।८।२
છે ८।८।४ छे
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८।८।८
एक हीन गुणकार एकका भाग देनेपर उतना ही रहा। वहीं उन तीनों राशिका जोड़ होता है । इसी प्रकार पल्यके चौथे, पाँचवें, छठे वर्गमूलके अर्द्धच्छेद पल्य के अर्द्धच्छेदोंसे सोलहवें, बत्तीसवें और चौंसठवें भाग हैं। उन तीनों राशियोंको पूर्ववत् जोड़नेपर सातगुणा पल्यके अर्द्धच्छेदका चौंसठवाँ भाग हुआ। यह पहलेकी तीन राशियोंके जोड़से आठ गुना घटता १५ हुआ है। इसी प्रकार पहले-पहलेसे आधे-आधे सातवाँ, आठवाँ, नवाँ वर्गमूलके अर्द्धच्छेदों, को जोड़ने पर सातगुणा पल्य के अर्द्धच्छेदोंका पाँच सौ बारहवाँ भाग हुआ। यह भी पहले के जोड़से आठ गुना घाट है । इसी प्रकार उत्तरोत्तर तीन-तीन वर्गस्थानोंके अर्द्धच्छेदों को जोड़नेर आठ-आठ गुना घाट होता है ।
उतरते-उतरते पल्यको वर्गशलाकाके आठवें, सातवें, छठे वर्गके अर्धच्छेद पल्की वर्गशलाका के अर्धच्छेदोंसे दो सौ छप्पन गुने, एक सौ अठाईस गुने और चौसठ गुने होते हैं। तीनोंका जोड़ पल्यकी वर्गशलाकाके अर्धच्छेदोंसे चार सौ अड़तालीस गुना हुआ । तथा
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व छे ८ | ८ | ४
व छे ८ | ८ |२ व छे ८ १ ८ । १
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