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गो० कर्मकाण्डे
नित्तु शेषेकभागदोळ स. १... प्रतिभागभक्तबहुभागमं स०५, संज्वलनमायाकषायक्कित्तु
८।२।९९९
शेषेकभागदोळु स . १ प्रतिभागभक्तबहुभागमं स०८ संज्वलनक्रोधकषायदो।२।९९९
८।२।९९९९ सज्वलनकाधकषायदोळित्तु शेषेकभागमं स १ . संज्वलनमानकषायक्के कुडुवुदु । अंतु कुडुत्तं विरलु
होनक्रमदेयमक्कुं। ५ मत्तं तृतीयनोकषायप्रतिबद्धद्रव्यमनिदं स ८ गुणकारदोळेकरूपहीनतेयनवगणिसि
८।२। ९९९९
८।९।२
८।२।९९१ भाज्यभागहारभूतावल्यसंख्यातंगळनपत्तिसि कळदु शेषद्रव्यमनिदं स० प्रति.
भागदिदं भागिसि बहुभागद्रव्यम स०८ बहुमागे समभागो बंधानामेंदु बहुभागोळु बंधप्रकृति
८।२।९
संज्वलनलोभे देयः । शेषकभागे स३१ प्रतिभागबहभागः स०८ संज्वलनमायायां देयः । शेष क
८२९९
८२९९९
भागे स ०१ प्रतिभागभक्तबहभागः स ८ संज्वलनक्रोधे देयः । शेषकभार्ग स१ ८२९९९ ८२ ९९९९
८२९९९९
१० संज्वलनमाने दद्यात् । एवं दत्ते सति हीनक्रमेण दत्तं भवति । पुनः तृतीयं नोकषायप्रतिबद्धद्रव्यमिदं स ०८
८ २९
गुणकारे एकरूपहीनतामवगणय्य भाज्यभागहारी आवल्यसंख्याती अपवयं स ० प्रतिभागेन भक्त्वा बहु
८२
भागस्य स । ८ पञ्चशः पञ्चसु स्थानेषु प्रत्येकं स २८ देयः । शेषकभागे स०१
८२९५
८२९
प्रतिभागभक्तबहु
मायाको दें। शेष एक भागमें प्रतिभागसे भाग देकर बहुभाग संज्वलन क्रोधको दें। शेष
एक भाग संज्वलन मानको दें। पहले कहे चार समान भागोंमें पीछे कहा अपना-अपना १५ एक भाग मिलानेसे अपने-अपने देशघाती द्रव्यका प्रमाण होता है सो संज्वलन कषायकी चार प्रकृतियोंके देशघाती और सर्वघाती द्रव्यको मिलानेसे सर्वद्रव्यका प्रमाण होता है ।
मिथ्यात्व और बारह कषायका द्रव्य सर्वघाती ही है और नोकषायोंका सब द्रव्य अघाती ही है। उनका बँटवारा कहते हैं-पूर्व में जो नोकषाय सम्बन्धी तीसरा द्रव्य कहा, उसमें प्रतिभागका भाग देकर एक भागको अलंग रख बहुभागके पाँच समान भाग करके
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