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________________ (२८) शास्त्रवा० शास्त्रवार्तासमुच्चय शास्त्रवा० टी० शास्त्रवासिमुच्चय यशोविजयटीका शास्त्रवा० स्वो० शास्त्रवार्तासमुच्चय स्वोपज्ञटीका श्रीभाष्य (लाजरस, बनारस) श्लो०(चौखम्बा, काशी) मीमांसाश्लोकवार्तिक श्लोकवा० (चौखम्बा, काशी) मीमांसाश्लोकवार्तिक श्लोक० न्याय०(चौखम्बा, काशी) मीमांसाश्लोकवार्तिक न्यायरत्नाकरटीका श्वेताश्व०(निर्णयसागर, बंबई) श्वेताश्वतरोपनिषद् षड्द०(आत्मानन्द सभा, भावनगर) षड्दर्शनसमुच्चय संयुत्त०(पालीटेक्स्ट) संयुत्तनिकाय सन्म०(गूजरात विद्यापीठ, अहमदावाद) सन्मतिप्रकरण सन्मति टी०(गूजरात विद्यापीठ, अहमदावाद) सन्मतिप्रकरणटीका सर्वद०(अभ्यंकर संपादित) सर्वदर्शनसंग्रह सर्वार्थ०(कोल्हापुर) सर्वार्थसिद्धि सांख्यत०(चौखम्बा काशी) सांख्यतत्त्वकौमुदी सां० का० (चौखम्बा काशी) सांख्यकारिका सांख्यका०(चौखम्बा काशी) सांख्यकारिका सांख्यसू०(चौखम्बा काशी) सांख्यसूत्र । सि० चन्द्रो०(चौखम्बा काशी) सिद्धान्तचन्द्रोदय सिद्धान्तबिन्दु(कुम्भकोणम्) सिद्धिवि० सिद्धिविनिश्चयटीका लिखित सिद्धिवि० टी० सिद्धिविनिश्चयटीका लिखित सूत्रकृ०(आगमोदय, सूरत) सूत्रकृताङ्ग स्था०(आगमोदय, सूरत) स्थानाङ्गसूत्र स्फुटा०(बिब्लिओथेका बुद्धिका) स्फुटार्थाभिधर्मकोषव्याख्या स्याद्वादम०(बोम्बे सं० सिरीझ) स्याद्वादमञ्जरी स्याद्वादर०(आर्हतंमतप्रभाकर पुना) स्याद्वादरत्नाकर हैमश०(अहमदावाद) सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासन हैमश० बृ०(अहमदाबाद) सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनबृहद्वृत्ति हेतु० (मी. तारकस् एम.ए) हेतुबिन्दु लिखित हेतुबि० टी० लि०(गूजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद) हेतुबिन्दुटीका लिखित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001320
Book TitlePramanmimansa Jain History Series 10
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorNagin J Shah, Ramniklal M Shah
Publisher108 jain Tirth Darshan Trust
Publication Year2006
Total Pages610
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Nyay
File Size11 MB
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