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________________ वणित किया गया है । अधिक क्या लिखा जाए --शिविका के इस तरह के प्रयोगों के सैंकड़ों ही उल्लेख आगम एवं आगमोत्तर साहित्य में मिलते हैं। ___ अब प्रश्न है, कि शिविका क्या है ? शिविका का अर्थ पालकी और डोली आदि किया है । संस्कृत टीकाओं में तो शिविका का पालकी के रूप में स्पष्ट उल्लेख है ही, किन्तु अभी-अभी अ. भा. वर्ध. स्था. श्रमण संघ के दिवंगत युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी के नेतृत्व में-जो आगम माला प्रकाशित हुई है, जो अ. प्र. पं. श्री कन्हैयालाल जी 'कमल', पं. श्री देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री (वर्तमान में श्रमण - संघ के उपाचार्य) तथा पं. श्री रत्नमुनिजी एवं अन्य विद्वानों के द्वारा प्रमाणित भी की जा चकी है, उसके प्रकाशित आगमों में भी शिविका का अर्थ डोली किया गया है। सूत्रकतांग सूत्र का द्वितीय श्रुतस्कंध, द्वितीय अध्ययन क्रियास्थान सूत्र ७१३ (पृष्ठ ८७) के मूल पाठ में अनेक यानों का वर्णन है, उसमें शिविका भी एक यान है, जिसका अर्थ किया है-डोली, आकाश की तरह अधर रखी जाने वाली सवारी (पालकी)। प्रस्तुत आगम माला के ही उपासकदशांगसूत्र में शिविका आदि शब्दों का अर्थ इस प्रकार है-..."सीय - संदमाणीयाइण्णजाणजुगे" अर्थात शिविका-पर्देदार पालखियाँ, स्यन्दमानिका-पुरुष-प्रमाण पालखियाँ, यान–गाडियाँ तथा युग्य-पुरातनकालीन गोल्ल देश में सुप्रसिद्ध दो हाथ लम्बे-चौड़े डोली जैसे यान ।। विचार - क्रान्ति के महान् सूत्र - धार आचार्य प्रवर पूज्यश्री जवाहरलालजी महाराज के निर्देशन में भी सूत्रकृतांग का प्रकाशन हआ था। उसमें भी आचार्यश्रीजी के द्वारा शिविका का अर्थआकाशयान और पालकी (डोली) भी किया है । संस्कृत, प्राकृत आदि कोई भी भाषा हो, उसका अर्थ व्याकरण एवं कोष से होता है । संस्कृत - साहित्य में तो इसी हेतु से भावनात्मक शब्दों में यहाँ तक कह दिया गया है कि 'अष्टाध्यायी जगन्माताऽमरकोषो जगत्पिता।" व्याकरण एवं कोष के विना कोई भी भाषा साहित्य के पथ पर गतिशील नहीं हो सकती। आखिर वह मनुष्य की भाषा है, पशु - पक्षियों की मात्र ध्वनि विशेषात्मक डोली यदि सवारी नहीं है : तो फिर क्या है वह ? : Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001308
Book TitleChintan ke Zarokhese Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherTansukhrai Daga Veerayatan
Publication Year1989
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size10 MB
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