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नारियाँ हैं, जो परंपरा से अलग होकर प्रेम विवाह आदि के रूप में अपना स्वतंत्र पथ अपनाती हैं । और फिर वे इतनी उदात्त उँचाई पर पहुँचती हैं कि इतिहास की महानारियाँ बन जाती हैं ।
महान आत्माओं की जीवनधारा विलक्षण होती है | उनकी चेतना इतनी अधिक तीव्र गतिशील होती है कि वे कुछ हो जाते हैं | भगवान महावीर कहते हैं मानव की संभावनाएँ अनन्त हैं, अचिन्त्य हैं । उसका अशुभ एक दिन भीषण एवं भयंकर होता है, तो एक दिन शुभ भी इतना उदात्त एवं महनीय होता है कि उसके समक्ष देव भी नतमस्त हो जाते हैं | अत: आज के पापी में भी पुण्यात्मा होने की संभावना देखो | पापी से घृणा नहीं; पाप से घृणा करो । पापी तो पुण्यात्मा हो जाता है, पर पाप कभी पुण्य नहीं होता । कर्मवीर, धर्मवीर भी होते हैं, यह सन्देह से परे है । 'जे कम्मे सूरा, ते चम्मे सूरा ।'
सितम्बर १९७७
(१६४)
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