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________________ भने प्रलुभूभनी सुविधा भरा है, सल्या रु भाटे ध्याननुरिरो भरण छे योगासना ज्ञान गोष्ठी સ્તન ईवा कई अहतिभैया साथ ताहात्म्य साधर रामय थे, रता जही वर्तमान गुरुवंदना ध्यानना हमको व्यायाम, जुस्ती त्यामा पेढीनी लात 215. लापि उत्थान संभाजननी ત माटे भेदीना शैभरिगङ भने सांसारिक आाहे गुरुतुजनी भने पुस्तालय सुविधाओ थे, या प्रवृति जोनी परंपरा उड़ी रीते क्जेदार भने बिडसी राडे खेळ गयमी विद्यार्थीी हनी व्यवस्था गोडवाय तेयो समुहाम हरशी हे नेशी सायनारी पेढीने सारोग्य, योग साधना, अनअंत वियो रजने सुसंस्मरोनी उपसंधि सरगनाथी धर्म राडे भेजो उस आध्यात्मिक विकास त्वराधी साथसांनी विज्ञा साधासा होय तेमने माटे शाश्रम - कुपन खेळ उत्तम कवनप्रशासि थे, ते संगीकार दरवाथी नियमितता, सतत भगृति द्वारा प्रभाहनो सान दशभ्य, सद्‌गुरु-संतोना सान्निध्य अजे हिप्य स्पधनानो लाल याने ते द्वारा घ्यानाल्या सना शांत भने सुंदर वातावर‌ानो सह-साल थाय थे. या उपरांत भी लायासु कपनती धांधलन्ध‌मासी जयी बधाय हो भने मुख्य संययतो सने ज्ञानलकितनो लाल सतत भजनो न रहे थे, या अनु लव सिद्ध समें गॅरंटी साथी से छीथे, कधनशुद्धि द्वारा भुवनसिद्धि मांटेनो बघता बघता हकीकतनी जाने या द्रढ જ सदस्य डरो, दिनो रहने लासभी आयंत रहो जने सतत जागेस करता रहो विनयश्री प्रभारी राह में भेाने तुला थे. ॐ शांति तो રજતજયંતી વર્ષ : ૨૫ Jain Education International ܘܘ For Private & Personal Use Only ܘܬܬܙܩܐ તીર્થ-સૌરભ ૧૧ www.jainelibrary.org
SR No.001295
Book TitleTirth Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmanandji Maharaj
PublisherShrimad Rajchandra Sadhna Kendra Koba
Publication Year2000
Total Pages202
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Devotion, & Articles
File Size6 MB
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