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________________ तदाभासस्वरूपविचारः अस्वसंविदितगृहीतार्थदर्शनसंशयादयः प्रमाणामासाः ॥२॥ ___स्वविषयोपदर्शकत्वाभावात् ॥ ३ ॥ पुरुषान्तरपूर्वार्थगच्छत् णस्पर्शस्थाणुपुरुषादिज्ञानवत् ॥ ४ ॥ अस्वसंविदिगृहीतार्थ दर्शन संशयादयः प्रमाणाभासाः ।।२।। स्वविषयोपदर्शकत्वाभावात् ।।३।। अर्थ-अपने आपको नहीं जानने वाला ज्ञान, गृहीतग्राही ज्ञान, निर्विकल्प ज्ञान, संशय, विपर्यय, अनध्यवसाय इत्यादि प्रमाणाभास कहलाते हैं [ असत् ज्ञान कहलाते हैं ] क्योंकि ये सभी ज्ञान अपने विषय का प्रतिभास कराने में असमर्थ हैं निर्णय कराने में भी असमर्थ हैं । आगे इन्हीं का उदाहरण देते हैं पुरुषांतरपूर्वार्थगच्छत्तृणस्पर्शस्थाणुपुरुषादिज्ञानवत् ।।४।। अर्थ-अस्वसंविदित-अपने को नहीं जानने वाला ज्ञान अन्य पुरुष के ज्ञान के समान है, अर्थात्-जो स्वयं को नहीं जानता वह दूसरे व्यक्ति के ज्ञान के समान ही है, क्योंकि जैसे पराया ज्ञान हमारे को नहीं जानता वैसे हमारा ज्ञान भी हमें नहीं जानता, अतः इसतरह का ज्ञान प्रमाणाभास है। गृहीत ग्राही-जाने हुए को जानने वाला ज्ञान पूर्वार्थ पहले जाने हुए वस्तु के ज्ञान के समान है, इस ज्ञान से अज्ञान निवृत्तिरूप फल नहीं होता क्योंकि उस वस्तु सम्बन्धी प्रज्ञान को पहले के ज्ञान ने ही दूर किया है अतः यह भी प्रमाणाभास है। निर्विकल्प दर्शन चलते हुए पुरुष के तृण स्पर्श के ज्ञान के समान अनिर्णयात्मक है, जैसे चलते हुए पुरुष के पैर में कुछ तृणादिका स्पर्श होता है किंतु उस पुरुष का उस पर लक्ष्य नहीं होने से कुछ है, कुछ पैर में लगा इतना समझ वह पुरुष आगे बढ़ता है उसको यह निर्णय नहीं होता कि यह किस वस्तु का स्पर्श हुया है । इसीतरह बौद्ध जो निर्विकल्प दर्शन को ही प्रमाण मान बैठे हैं वह दर्शन वस्तु का निश्चय नहीं कर सकता अतः प्रमाणाभास है । संशय ज्ञान स्थाणु और पुरुष आदि में होने वाला चलित प्रतिभास है यह भी वस्तु बोध नहीं कराता अतः प्रमाणाभास है । इन संशय विपर्यय और अनध्यवसाय को तो सभी ने प्रमाणाभास माना है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001278
Book TitlePramey Kamal Marttand Part 3
Original Sutra AuthorPrabhachandracharya
AuthorJinmati Mata
PublisherLala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Nyay
File Size16 MB
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