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________________ समवायपदार्थविचारः ४८६ वस्था । तत एव तन्नियमे चेतरेतराश्रयः-सिद्धे हि समवायिनोः समवायित्वनियमे समवायनियमसिद्धिः, ततश्च तन्नियमसिद्धिरिति । स्वत एव तु समवायिनो : समवायित्वे किं समवायेन ? ननु संयोगेप्येतत्सर्वं समानम् ; इत्यायवाच्यम् ; संश्लिष्टतयोत्पन्नवस्तुस्वरूपव्यतिरेकेणास्याप्यसम्भवात् । भिन्नसंयोगवशात्तु संयोगिनोनियमे समानमेवैतत् । यच्चान्यदुक्तम्-संयोगिद्रव्यविलक्षणत्वाद्गुणत्वादीनामित्यादि ; तदप्यनुक्तसमम् ; यतो निष्क्रि गया समवायी का समवायित्व किसी अन्य सम्बन्ध से समवायी में सम्बद्ध किया जाता है ऐसा माने तो अनवस्था पाती है। [अर्थात् दूसरा सम्बन्ध भी सम्बन्धी द्रव्यों से भिन्न है कि अभिन्न है, भिन्न रहकर तो समवायित्व को जोड़ नहीं सकता इत्यादि पूर्वोक्त दोष पाते हैं और संबंध के लिये सम्बन्ध, पुनः सम्बन्ध के लिये सम्बन्ध इस तरह अनवस्था बढ़ती जाती है ] यदि कहा जाय कि-समवाय के द्वारा ही समवायी द्रव्यों में समवायीपने का संबंधित होने का नियम है, तो इतरेतराश्रय दोष होगा-पहले समवायी द्रव्यों के समवायीपने का नियम सिद्ध होवे तो समवाय का नियम सिद्ध होगा और उसका नियम सिद्ध होवे तो समवायी के समवायित्व का नियम सिद्ध होगा। यदि कहो कि समवायी का समवायीपना तो स्वतः सिद्ध है, तो समवाय नामा पदार्थ मानना ही व्यर्थ है। शंका- इसतरह समवाय को दूषित ठहरायेंगे तो संयोग भी दूषित होगा अर्थात् उसकी भी सिद्धि नहीं हो सकेगी ? समाधान-ऐसा नहीं कहना, संश्लेषरूप से उत्पन्न हुए वस्तु स्वरूप को छोड़ कर अन्य कोई संयोग नहीं है । जो परवादी संयोग को भिन्न मानकर उसके द्वारा संयोगी पदार्थों में संयोगपना मानते हैं उनके मत में समवाय के समान अनवस्था आदि दोष अवश्य आते हैं। समवाय के विषय में शंका समाधान करते हुए वैशेषिक ने प्रतिपादन किया था कि संयोगी द्रव्य से विलक्षण ही गुण हुआ करते हैं, वे गुण यद्यपि निष्क्रिय हैं तो भी संयोगी द्रव्य के सक्रियवान् होने से आधेयभाव बन जाता है यह प्रतिपादन असत् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001278
Book TitlePramey Kamal Marttand Part 3
Original Sutra AuthorPrabhachandracharya
AuthorJinmati Mata
PublisherLala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year
Total Pages762
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Nyay
File Size16 MB
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