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परमपूज्य, प्रातः स्मरणीय, चारित्र चक्रवर्ती, आचार्यप्रवर १०८ श्री शांतिसागरजी महाराज
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पंचेन्द्रियसुनिर्दान्त, पंचसंसारभीरुकम् ।
शांतिसागरनामानं, सूरि वंदेऽघनाशकम् ।। जन्म: क्षुल्लक दीक्षा : मुनि दीक्षा:
समाधि: ज्येष्ठ कृष्णा ज्येष्ठ शुक्ला १३ फाल्गुन शुक्ला १४ द्वितीय भाद्रपद वि० सं० १९२६ वि० सं० १९७० वि० सं० १९७४ वि० सं० २०१२
उत्तूर ग्राम (कर्नाटक) यरनाल ग्राम (कर्नाटक) कुन्थलगिरि सिद्धक्षेत्र దితినికింకిలిం కికి కిలికిలికిలించింది తనివినికిందికి
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