________________
भगवान महावीर स्वामी के २५ सौ वें निर्वाण महोत्सव के मंगल अवसर पर पूज्य आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से संस्थापित दि० जैन त्रिलोक शोध संस्थान के अन्तर्गत वीरज्ञानोदय - ग्रन्थमाला
इस ग्रन्थमाला में दि० जैन प्रर्ष मार्ग का पोषण करने वाले हिन्दी, संस्कृत, कन्नड़, मराठी, गुजराती, अंग्रेजी आदि भाषात्रों के न्याय, सिद्धान्त, अध्यात्म, भूगोल, खगोल व्याकरण, इतिहास आदि विषयों पर लघु एवं वृहद् ग्रन्थों का मूल एवं अनुवाद सहित प्रकाशन होगा । समय-समय पर धार्मिक लोकोपयोगी
लघु पुस्तिकाएँ भी प्रकाशित होती रहेंगी ।
Jain Education International
* ग्रन्थमाला - सम्पादक
मोतीचन्द जैन सर्राफ शास्त्री, न्यायतीर्थ
स्थापनाब्द कार्तिक कृष्णा अमावस्या बीर निर्वारण सं० २४६८ वि० सं० २०२९ ई० सन् १९७२
रवीन्द्रकुमार जैन शास्त्री, बी. ए.
प्रकाशन कार्यालय दि० जैन त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर (मेरठ) उ. प्र.
मुद्रक:-- पाँचूलाल जैन, कमल प्रिन्टर्स, मदनगंज - किशनगढ़ ( राजस्थान )
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org