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ति. प.
लो. प्र.
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त्रि. सा.
लो. प्र..
* TP. 126
ति. प. अलक
नभ .
मस्मक
महाकाल
| त्रि. सा. विकट अभिन्नसंधि ग्रन्थि
क्षारराशि
अगस्ति
-
विजिष्णु
| भस्मराशि तिलतिल पुष्पवर्ण
माणवक
३२
सदृश
मान
महाकाल
कामस्पर्श
सांध
चतुष्पाद
रद्र
धुरक
महारुद्र | संतान संभव सर्वार्थी | दिशा शान्ति
३४
कलेवर
विजित
दकवर्ण
महारुद्र
| अभिन्न
नभ
.
काय
संतान
प्रमुख विकट विसन्धिकल्प
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प्रन्थि
सदृश
अबन्ध्य
विपुल
कुछ संज्ञा-शब्दोंकी तुलना
in
मानवक
निलय
समव
प्रकल्प
काल
| इन्द्राग्नि
धूमकेतु | हरि
सर्वार्थी
| वस्तून | निश्चल । प्रलंभ
जटाल
कालकेतु
कालकेतु
अरुण
१०
निलय
पिङ्गलक
निमन्त्र
अग्नि
-
अनय
ज्योतिष्मान
काल
| अनय सिंहायु विपुल काल
विजिद
शुक्र
निमन्त्र ज्योतिष्मान् दिशसंस्थित
महाकाल
| स्वयंप्रभ
भासुर
बृहस्पति
स्वस्तिक
(१०.१
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