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________________ [ ९९७ क्रमसं. ति. प. . प्रक्षोभ ५३ गारा | गिरिशिखर ५४ धरणि | धारणि कुछ संज्ञा शब्दोंकी तुलना । .. पु. । आ. पु. । त्रि. सा.. । लो. वि पुष्पमाल दुर्गदुर्ग मेघमाल दुर्धरनगर दुर्धर शशिप्रम सुदर्शन सुदर्शन सुदर्शन चूडामणि माहेन्द्रपुर महेन्द्रपुर महेन्द्रपुर पुष्पचूड विजयपुर विजयपुर हंसगर्भ सुगन्धिनी सुगन्धिनी सुगन्धिनीपुरी बलाहक वज्रपुर वज्रार्धतर वनार्धतर वंशालय रत्नाकर रत्नाकर रत्नाकर सौमनस चन्द्रपुर विजयपुर | दुर्द्धर सुदर्शन रत्नाकर रत्नपुर रत्नपुर काल-भेद ति. प. ४, २९३-३०७ | ह. पु. ७, २४-३० पूर्वाग पूर्वांग मा. पु. ३, २१४-२२० लो. वि. ५, १३९-१५४ पूर्वाग [ पर्वाग पांग पाग पर्व पर्व नियुतांग नियुत कुमुदांग कुमुद नियुतांग नियुत कुमुदांग कुमुद पांग नयुतांग नयुत कुमुदोग पद्मांग कुमुद पांग पद्म नलिनांग पद्म 'नलिनांग पद्म नलिनांग नलिन नलिन नलिन कमलांग कमलांग कमलांग कमल कमल . कमल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001275
Book TitleTiloy Pannati Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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