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________________ - ८. ५१८ ] महाधि [ ८४३ सोहम्मक पपढमिंदयम्मि पलिदोवमं हुवे एक्कं । सव्वणिगिट्ठसुराणं जहण्णआउस परिणामं ॥ ५१२ अड्डाइज्जं पल्ला भाऊ सोमे जमे य पत्तेकं । तिष्णि कुबेरे वरुणे किंचूणा सक्कदिप्पाले ॥ ५१३ ५/५/२० सक्का दो सेसेसुं दक्खिणइंदेसु लोयपालाणं । एक्केक्कपल्लभधियो भाऊ सोमादियाण पत्तेक्कं ॥ ५१४ ईसादिदिगिंद्रे आऊ सोमे जमे' तिपल्लाई । किंचूणाणि कुबेरे वरुणम्मि य सादिरेगाणिं ॥ ५१५ ३ । ३ । ३ । ३ । ईसाणादो सेसयउत्तरइंदेसु लोयपालाणं । एक्केक्कपल्लअधियो आऊ सोमादियाण पत्तेक्कं || ५१६ सव्वाण दिगिंदणं सामाणियसुरवराण पत्तेक्कं । णियणियदिक्किदाणं आउपमाणाणि याऊणिं ॥ ५१७ पढमे बिदिए जुगले बम्हादिसु चउसु आणददुगम्मि । आरणजुगले कमसो सन्धिदेसुं सरीररक्खाणं ॥ ५१८ सौधर्म कल्पके प्रथम इन्द्रकमें सत्र निकृष्ट देवोंकी जघन्य आयुका प्रमाण एक पल्योपम है ॥ ११२ ॥ ३ । ३ । सौधर्म इन्द्रके दिक्पालोंमें सोम और यमकी अढ़ाई पल्योपम, कुबेरकी तीन पल्येोपम और वरुणकी तीन पल्यसे किंचित् ऊन आयु होती है ॥ ५९३ ॥ सोम, यम, कुबेर ३, वरुण कुछ कम ३ प. । सौधर्म इन्द्रके अतिरिक्त शेप दक्षिण इन्द्रोंके सोमादिक लोकपालों में से प्रत्येककी आयु एक एक पल्य अधिक है ॥ ५१४ ॥ ईशान इन्द्रके लोकपाल में सोम व यमकी आयु तीन पल्य, कुबेरकी तीन पल्यसे कुछ कम और वरुणकी कुछ अधिक तीन पल्य है ॥ ५१५ ॥ सोम ३, यम ३, कुबेर-कुछ कम ३, वरुण ३ प. सातिरेक । ईशान इन्द्रके अतिरिक्त शेष उत्तर इन्द्रोंके सोमादिक लोकपालोंमें प्रत्येककी आयु एक एक पल्य अधिक है ॥ ५१६ ॥ सब लोकपालोंके सामानिक देवोंमें प्रत्येककी आयु अपने अपने लोकपालोंकी आयुके प्रमाण होती है ॥ ५१७ ॥ प्रथम युगल, द्वितीय युगल, ब्रम्हादिक चार युगल, आनत युगल और आरण युगल, Jain Education International १ द व सोमज्जमे. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001275
Book TitleTiloy Pannati Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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