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________________ ८. १९३] अट्ठमो महाधियारो [ ८३९ पवणसट्टाणेसं छक्कं एक्कं कमेण पल्लाई। दोणि कलाभो भाऊ उक्कसे वजपडलम्मि ॥ ४८८ १६६६६६६६६६६६६६६६|| १६६६६६६६६६६६ बोड़सठाणेसु तिया सत्तेक्कंकक्कमेण पल्लाणिं । एक्ककला उक्कस्सी गंदावम्मि आउस्सं ॥ ४८९ १७३३३३३३३३३३३३३३ । चोइसठाणे सुण्णं अट्रेक्कंकक्कमेण पल्लाणिं । उक्कस्साउपमाणं पडलम्मि पहकरे होदि' ॥ ४९. १८००००००००००००००। चोइसठाणे छक्का अटेक्क कमेण होति पल्लाणिं । दोणि कलाओ पिट्ठकैपडले आउस्स उक्कस्सो ॥ ४९१ । १८६६६६६६६६६६६६६६ | घोहसठाणेसु तिया णवेक्ककक्कमेण पल्लाई । एक्ककला गजणामे पडले आउस्स उक्कस्सो ॥ ४९२ १९३३३३३३३३३३३३३३ ।। दोणि पयोणिहिउवमा उक्कस्साऊ हुवेदि पडलम्मि । चरिमट्ठाणणिविढे सोहम्मीसाणजुगलम्मि ॥ ४९५ सा२। अंकक्रमसे पन्द्रह स्थानों में छह और एक, इतने पल्य व दो कला प्रमाण वज्र पटलमें उत्कृष्ट आयु है ॥ ४८८ ॥ १६६६६६६६६६६६६६६६३ । अंककमसे चौदह स्थानोंमें तीन, सात और एक, इतने पल्य व एक कला प्रमाण नन्द्यावर्त पटलमें उत्कृष्ट आयु है ॥ ४८९ ॥ १७३३३३३३३३३३३३३३३ । अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें शून्य, आठ और एक, इतने पल्य प्रमाण प्रभंकर पटलमें उत्कृष्ट आयु है ॥ ४९० ॥ १८०००००००००००००० । क्रमसे चौदह स्थानोंमें छह, आठ और एक, इतने पल्य व दो कला प्रमाण पृष्ठक पटलमें उत्कृष्ट आयु है ।। ४९१ ॥ १८६६६६६६६६६६६६६६३ ।। अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें तीन, नौ और एक, इतने पत्य व एक कला प्रमाण गज नामक पटलमें उत्कृष्ट आयु है ॥ ४९२ ॥ १९३३३३३३३३३३३३३३३ ।। सौधर्म-ईशान युगलके भीतर अन्तिम स्थानमें निविष्ट पटलमें दो सागरोपम प्रमाण उत्कृष्ट आयु है ॥ ४९३ ॥ सा. २ । १दब होहि. २ब पिट्ठव. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |
SR No.001275
Book TitleTiloy Pannati Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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