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________________ -५. ११५] पंचमो महाधियारो - भाउबादरमपज्जत्ता विसेसाहिया = a .. १० रिण = । वाउबादरमपजत्ता' बिसेसाहिया = a..१.१. रिण = । तेउसुहुमअपज्जत्ता असंखेजगुणा = a८ । पुढविसुहमअपजत्ता विसेसाहिया = a१० । आउसुहमअपज्जत्ता विसेसाहिया = a १.१.८। वाउसुहुमअप ज्जत्ता विसेसाहिया = a १.१० १०८। तेउकायसुहमपजत्ता संखेजगुणा = a ८४ । पुढवि सुहुमयजत्ता विसेसाहिया = a १०८४ । आउसुहमपज्जत्ता विसेसाहिया = a.१००। ५ बाउसुहमपजत्ता विसेसाहिया : a... १० ८ । साधारणबादरपज्जत्ता असंखेजगुणा १३ = १। साधारणबादरअपज्जत्ता असंखेज्जगुणा १३ = ६ । साधारणसुहुमअपज्जत्ता अणतगुणा १३= साधारणसुहमपजत्ता असंखेज्जगुणा १३3८४ । । एवमप्पाबहुगं सम्मत्तं । भोगाहणं तु अवरं सुहुमणिगोदस्स पुषणलन्द्धिस्स । अंगुलभसंखभागं जादस्स य तदियसमयाम्मि ॥ ३१५ विशेष अधिक जलकायिक बादर अपर्याप्त हैं । (२२) इनसे विशेष अधिक वायुकायिक बादर अपर्याप्त हैं। (२३) इनसे असंख्यातगुणे तेजस्कायिक सूक्ष्म अपर्याप्त हैं । (२४) इनसे विशेष अधिक पृथिवीकायिक सूक्ष्म अपर्याप्त हैं। (२५) इनसे विशेष अधिक जलकायिक सूक्ष्म अपर्याप्त हैं । (२६) इनसे विशेष अधिक वायुकायिक सूक्ष्म अपर्याप्त हैं। (२७) इनसे संख्यातगुणे तेजस्कायिक सूक्ष्म पर्याप्त हैं । (२८) इनसे विशेष अधिक पृथिवीकायिक सूक्ष्म पर्याप्त हैं । (२९) इनसे विशेष अधिक जल कायिक सूक्ष्म पर्याप्त हैं । (३०) इनसे विशेष अधिक वायुकायिक सूक्ष्म पर्याप्त हैं। (३१) इनसे असंख्यातगुणे साधारण बादर पर्याप्त हैं। (३२) इनसे असंख्यातगुणे साधारण बादर अपर्याप्त हैं । (३३) इनसे अनंतगुणे साधारण सूक्ष्म अपर्याप्त हैं । (३४) और इनसे संख्यातगुणे साधारण सूक्ष्म पर्याप्त हैं । इस प्रकार अल्पबहुत्वका कथन समाप्त हुआ। सूक्ष्म निगोद लब्ध्यपर्याप्तकके उत्पन्न होनेके तीसरे समयमें अंगुलके असंख्यातवें भागप्रमाण जघन्य अवगाहना पायी जाती है ॥ ३१५ ॥ १दब आउबादरपज्जत्ता. TP. 78 २दब मुहुमपज्जता. ३दब मुहमपज्जत्ता. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001275
Book TitleTiloy Pannati Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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