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( १०६ )
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,
१७
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२१
२३
॥ २७२ ॥
विव साया
तक्काले (?)
जघन्य
१५०५
३१५; ३१५
बासट्ठी
जोऐज्ज
सुदंसणाओ
लोनेके लिये
सेढिगदाण
तिलोय पण्णची
ऋषम
वसहाणीयादीर्ण
किण्हा या ये पुराई रामाबद्द बलनामा अर्चिनिका ये सब इन्द्रोंके सदृश नामवाली होती हैं ।
| तिरेसठ पटल में प्रकीर्णक नहीं हैं, । परन्तु जो आचार्य ऋतु इन्द्रक के श्रेणिवद्ध विमान हैं। चारों ओर तिरेसठ तिरेसठ श्रेणिबद्ध विमान स्वीकार करते हैं उनके अभिप्रायसे वहां प्रकीर्णक नहीं हैं, केवल श्रेणिबद्ध विमान हैं ।
ऋषभ
कृष्णा (1) रामापति वसुधर्म, वसुंधरा सब इन्द्रसम नामबाली हैं ॥ ३०७ ॥
॥ २७९ ॥ ४ प्रमाणांगुल ।
[ चैव सभा ] [लवंता जक्काले ]
मध्यम
१००५
३०१५; ३०१५
[तेसट्ठी ]
जोएज्ज
....
[ सुसाइ
लाने के लिये
सेविगदाण
वसहाणीयादीर्ण
[ किव्हा य मेघराई रामा वह ] [ पद्मा, शिवा, शची, अंजुका, रोहिणी, नवमी ] बला नामक और अर्चिनिका [ ये आठ ज्येष्ठ देवियां प्रत्येक दक्षिण इन्द्रके होती हैं ] वे सब देवियां सभी इन्द्रोंके समान नामवाली होती हैं । कृष्णा, मेघराजी, रामा, वसुधर्मा और वसुन्धरा, ये आठ येष्ठ देवियां नियमसे [ प्रत्येक उत्तर इन्द्रके होती हैं ।] सब इन्द्रोंकी इन देवियोंके नाम समान ही होते हैं ।। १०७ ।
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